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    विश्‍वास प्रस्‍ताव पर बाजवा ने दिया निंदा प्रस्ताव की मांगी इजाजत, कहा- सीएम चलते हैं 42 कारों के कफिले के संग

    By JagranEdited By: Sunil kumar jha
    Updated: Thu, 29 Sep 2022 07:05 AM (IST)

    Dispute on Trust Vote पंजाब विधानसभा के सत्र में सीएम भगवंत मान द्वारा अपनी सरकार के लिए विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने पर विवाद बढ़ रहा‍ है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम भगवंत के खिलाफ निंदा प्रस्‍ताव पेश करने की स्‍पीकर से अनुमति मांगी है।

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    पंजाब के सीीएम भगवंत मान और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा। (फाइल फोटो)

    राज्‍य ब्‍यूरो, चंडीगढ़। Dispute on Trust Motion: पंंजाब विधानसभा में मुख्‍यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपनी सरकार के लिए विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश किए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है। विपक्ष के नेता व कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की स्पीकर से इजाजत मांगी है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा है कि कभी बादल व कैप्‍टन अमरिंदर पर कारोंं के काफिले को लेकर सवाल उठाने वाले भगवंत मान आज खुद 42 कारों का काफिला लेकर चलते हैं।   

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    बाजवा ने स्‍पीकर को लिखा पत्र , कहा- सीएम के तौर पर भगवंत मान का आचरण सही नहीं

    उन्होंने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि भगवंत मान ने सदन के नेता और मुख्यमंत्री के तौर पर सही आचरण नहीं किया है। उन्होंने न केवल राज्यपाल को अंधेरे में रखा बल्कि विपक्षी पार्टियों को भी बिना बताए गुप्त रूप विश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। बाजवा ने आगे लिखा किसी गरिमामय पद पर बैठे किसी व्यक्ति से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं की जाती।

    उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने 21 सितंबर 2022 को विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बुलाए जा रहे विशेष सत्र नियमों के खिलाफ मानते हुए इसे रद कर दिया था तो सरकार ने 27 को पूरा सत्र बुलाने की सिफारिश कर दी। पंजाब के राज्यपाल द्वारा इस सत्र में लाने वाले कामकाज की सूची मांगी तो सरकार ने पंजाब विधानसभा के सचिव के माध्यम से राज्यपाल को बताया कि राज्य सरकार का विधायी/सरकारी कामकाज करना चाहती है। इसमें अन्य मुद्दों के अलावा जीएसटी, पराली जलाने, बिजली परिदृश्य आदि जैसे ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं। इस पर राज्यपाल ने सत्र बुलाने की इजाजत दे दी।

    बाजवा ने आगे लिखा कि बिजनेस एडवाजइरी कमेटी की बैठक में भी मैंने स्पष्ट तौर पर विश्वास मत लाने संबंधी पूछा था, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई। राज्यपाल को सूचित किए गए बिजनेस को एक तरफ रखकर मुख्यमंत्री ने विश्वास मत के संबंध में प्रस्ताव पेश किया। इसका नियमों में कहीं उल्लेख नहीं है।

    बाजवा ने स्पीकर से कहा कि सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री का यह आचरण सत्र बुलाने के लिए निंदा का पात्र है। यही नहीं, विश्वास प्रस्ताव लाने से राज्यपाल जो राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं के साथ विश्वासघात हुआ है। यह विपक्ष के सदस्यों के अधिकारों का भी उल्लंघन है। इसलिए हमें मुख्यमंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की इजाजत दी जाए।

    कहा- बादल व कैप्टन के मुख्यमंत्री रहते थीं 33 कारें, भगवंत मान ने रखीं हैं 42

    दूूूूसरी ओर , बाजवा ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर प्रकाश सिंह बादल के काफिले 2007 से लेकर 2017 और कैप्टन अमरिंदर सिंह के काफिले में 2017 से लेकर सितंबर 2021 तक 33-33 कारें थीं लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता के तौर पर जाने जाते मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना काफिला बड़ा करते हुए इसे 42 का कर लिया है।

    प्रताप सिंह बाजवा ने लगाते हुए आरटीआइ के तहत मिली सूचना को साझा करते हुए कहा है कि प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास 33 कारें थीं। चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने काफिले को बढ़ाते हुए इसे 39 कर दिया लेकिन भगवंत मान तो उनसे भी आगे निकल गए। इन्होंने अपने काफिले में 42 कारें कर लीं हैं।

    बाजवा के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सुखपाल खैहरा ने कहा कि भगवंत मान राजनेताओं के बारे में मजाक करते हुए कहते थे, जो लोग अतिरिक्त सुरक्षा चाहते हैं और लोगों से डरते हैं वे 'मुर्गी-खाना' खोलने जैसा काम क्यों नहीं करते। अब हमारे उसी आम आदमी दोस्त को 42 कारों की जरूरत है क्योंकि सीएम बादल और कैप्टन को हरा रहे हैं। यह बहुत बड़ा बदलाव है।