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पंजाब में रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही कांग्रेस और भाजपा की सियासी रेल, दोनों एक-दूसरे को दिखा रहे विलेन

पंजाब में ट्रेनों की आवाजाही बिलकुल बंद है। कांग्रेस इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं भाजपा इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चे पर डटे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 08:28 PM (IST)
पंजाब में रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही कांग्रेस और भाजपा की सियासी रेल, दोनों एक-दूसरे को दिखा रहे विलेन
सुनील जाखड़ व अश्विनी शर्मा। फाइल फोटो

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों की ओर से रेलवे ट्रैक जाम किए जाने के बाद पंजाब की अर्थव्यवस्था का पहिया भी थमने लगा है। किसान शर्तों पर मालगाड़ियां चलाने की इजाजत दे रहे हैं तो रेलवे का कहना है कि शर्तों पर रेल नहीं चलाई जा सकती।

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पंजाब इस समय कोयला, खाद व कच्चे माल की कमी से जूझ रहा है। औद्योगिक इकाइयों में बना माल बाहर नहीं जा पा रहा और कच्चा माल बाहर से नहीं आ रहा। रेलवे ट्रैक पर इस समय सियासत की रेल दौड़ रही है। कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जबकि किसानों का कहना है कि मसले के हल के लिए बातचीत होनी चाहिए।

केंद्र सरकार की नीयत में खोट : जाखड़

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने रेलगाडिय़ां न चलाने को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नियत में खोट है। केंद्र सरकार फिल्मी हस्तियों को सुरक्षा दे सकती है, लेकिन रेलवे स्टाफ को सुरक्षा क्यों नहीं दे सकती है। केंद्र पंजाब व किसानों को विलेन के रूप में दिखाना चाहता है। रेल सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री की चुप्पी पर जाखड़ ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा रेलवे पुलिस की जिम्मेदारी है, फिर भी मुख्यमंत्री ने सुरक्षा देने की बात रख दी है।

जाखड़ का कहना है कि केंद्र सरकार चाहती है कि कोई अप्रिय घटना हो जाए तो वह इसका नजला राज्य या किसानों पर गिरा सके। राज्य की आर्थिक स्थिति पर चोट करने वाली केंद्र सरकार आपसी भाईचारे को खत्म करना चाहती है। किसान बातचीत करने के संकेत दे चुके हैैं, तो केंद्र को पहल करनी चाहिए। वहीं, किसान संगठनों को भी यह बात समझनी चाहिए कि सारा दबाव पंजाब पर है। कोयला व खाद खत्म हो गए हैैं, नई फसल रखने के लिए जगह नहीं है।

अप्रिय घटना हुई तो कौन होगा जिम्मेदार : शर्मा

भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के विरोधाभासी बयानों के कारण केंद्र सरकार को फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। किसान रेलवे ट्रैक पर या उसके बाहर डटे हुए हैं। अगर कोई अप्रिय घटना हुई तो जिम्मेदार कौन होगा। राज्य सरकार को सुरक्षा की जिम्मेदारी तो उठानी ही पड़ेगी। वहीं, सुनील जाखड़ के बयान पर शर्मा ने कहा कि किसान अन्नदाता है, विलेन नहीं। कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है जबकि भाजपा किसानों को मजबूत बनाना चाहती है।

शर्मा ने किसान संगठनों के बातचीत के संकेत देने पर कहा कि हर मसले का हल बातचीत से संभव है। केंद्र सरकार ने कभी भी बातचीत के लिए दरवाजे बंद नहीं किए है। भाजपा किसान संगठनों के संपर्क में है। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन व धरने देने का अधिकार सभी को है। लेकिन यह दूसरों के अधिकारों पर चोट करके नहीं होने चाहिएं। त्योहारों के सीजन में कोई माल लाना चाहता है तो कोई बाहर भेजना चाहता है। दिवाली पर कोई अपने घर जाना चाहता है तो कोई पंजाब आना चाहता है। किसान संगठनों को इस पर विचार करना चाहिए।

बातचीत होनी चाहिए: कोकरी

भारतीय किसान यूनियन उगराहां के महासचिव सुखदेव ङ्क्षसह कोकरी का कहना है कि केंद्र सरकार को सभी किसान संगठनों से बातचीत करनी चाहिए। किसानों ने बातचीत का रास्ता कभी भी बंद नहीं किया। बातचीत एक या दो संगठनों नहीं बल्कि सबके साथ होनी चाहिए।

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