Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, नाबालिग से दुष्कर्म सार्वजनिक नैतिकता पर प्रहार, आरोपी को नहीं मिली बेल

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पोक्सो अधिनियम के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस शालिनी सिंह नागपाल ने कहा कि बाल यौन शोषण के मामलों में अदालत का दायित्व बच्चे के अभिभावक की तरह है।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Tue, 26 Aug 2025 12:06 PM (IST)
    Hero Image
    पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़।  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पोस्को अधिनियम में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में गंभीर टिप्पणी करते कहा कि ऐसे अपराध सार्वजनिक नैतिकता पर सीधा प्रहार करते हैं।अदालत ने आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस शालिनी सिंह नागपाल ने कहा कि बाल यौन शोषण के मामलों में अदालत का दायित्व बच्चे के अभिभावक की तरह कार्य करने का है। ऐसे मामलों में एक ओर कानून की मंशा और दूसरी ओर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को संतुलित करना पड़ता है, क्योंकि इस तरह के अपराधों का असर नाबालिग पर गहरा, दीर्घकालिक व मानसिक रूप से विनाशकारी होता है।

    अदालत ने कहा कि मामले के तथ्यों, संभावित सजा की गंभीरता व अपराध के सार्वजनिक नैतिकता से जुड़े होने को देखते हुए याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता के वकील एसके सिरसा ने दलील दी कि याचिकाकर्ता मुख्य आरोपित का साला है और उसका पीड़िता से कोई संबंध नहीं है। 

    उन्होंने रिकॉर्ड पर रखी इंस्टाग्राम चैट का हवाला देते हुए कहा कि बातचीत से उसकी संलिप्तता साबित नहीं होती। साथ ही, एफआइआर दर्ज करने में पांच दिन की देरी व चिकित्सीय जांच में हरी सलवार का उल्लेख जबकि पुलिस ने नीली सलवार बरामद की, पर भी आपत्ति जताई।