पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में किया गुरु नानक देव जी के संदेशों का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के बारे में बताया।
जेएनएन, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में नए कृषि कानूनों पर चर्चा की। साथ ही प्रधानमंत्री ने श्री गुरुनानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व की लोगों को शुभकामनाएं दीं। पीएम ने कहा कि कल यानी 30 नवंबर को गुरुनानक देव जी की 551वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। दुनियाभर में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, वेंकुअर से वेलिंगटन और सिंगापुर से दक्षिण अफ्रीका तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं। पीएम ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में कहा गया है, 'सेवक को सेवा बन आई', यानी सेवक का काम सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला। गुरु साहिब ने हमसे सेवा ली। गुरु नानक देव जी का ही 550वां प्रकाश पर्व, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व, अगले वर्ष श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी है। मुझे महसूस होता है, कि, गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है।
पीएम ने कहा, ''साथियोंं, क्या आप जानते हैं कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब। श्री गुरु नानक जी अपने उदासी के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रुके थे। 2001 के भूकंप से इस गुरूद्वारे को भी नुकसान पहुंचा था। यह गुरु साहिब की कृपा ही थी, कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया। न केवल गुरुद्वारा की मरम्मत की गई बल्कि उसके गौरव और भव्यता को भी फिर से स्थापित किया गया। हम सबको गुरु साहिब का भरपूर आशीर्वाद भी मिला।''
लखपत गुरुद्वारा के संरक्षण के प्रयासों को 2004 में UNESCO Asia Pacific Heritage Award में Award of Distinction दिया गया। Award देने वाली Jury ने ये पाया कि मरम्मत के दौरान शिल्प से जुड़ी बारीकियों का विशेष ध्यान रखा गया। Jury ने यह भी नोट किया कि गुरुद्वारा के पुनर्निर्माण कार्य में सिख समुदाय की न केवल सक्रिय भागीदारी रही, बल्कि उनके ही मार्गदर्शन में ये काम हुआ।
पीएम ने कहा, ''लखपत गुरुद्वारा जाने का सौभाग्य मुझे तब भी मिला था जब मैं मुख्यमंत्री भी नहीं था। मुझे वहां जाकर असीम ऊर्जा मिलती थी। इस गुरूद्वारे में जाकर हर कोई खुद को धन्य महसूस करता है। मैं इस बात के लिए बहुत कृतज्ञ हूं कि गुरु साहिब ने मुझसे निरंतर सेवा ली है। पिछले वर्ष नवंबर में ही करतारपुर साहिब corridor का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। इस बात को मैं जीवनभर अपने ह्रदय में संजो कर रखूंगा। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हमें श्री दरबार साहिब की सेवा करने का एक और अवसर मिला। विदेश में रहने वाले हमारे सिख भाई-बहनों के लिए अब दरबार साहिब की सेवा के लिए राशि भेजना और आसान हो गया है। इस कदम से विश्व-भर की संगत, दरबार साहिब के और करीब आ गई है।''
मन की बात में प्रधानमंत्री नेे कहा, ''साथियोंं, ये गुरु नानक देव जी ही थे, जिन्होंने, लंगर की परंपरा शुरू की थी और आज हमने देखा कि दुनियाभर में सिख समुदाय ने किस प्रकार कोरोना के इस समय में लोगों को खाना खिलाने की अपनी परंपरा को जारी रखा है , मानवता की सेवा की - ये परंपरा, हम सभी के लिए निरंतर प्रेरणा का काम करती है। मेरी कामना है, हम सभी, सेवक की तरह काम करते रहे। गुरु साहिब मुझसे और देशवासियों से इसी प्रकार सेवा लेते रहें। एक बार फिर, गुरु नानक जयंती पर, मेरी, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।''
बता दें, श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों को सजाया गया है। नानक नगरी सुल्तानपुर लोधी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दूरदराज से संगत नानक नगरी में पहुंच रही है। सुल्तानपुर लोधी के गुरु नानक देव जी की धर्मस्थली कहा जाता है, यहांं उन्होंने संत घाट में मूलमंत्र का उच्चारण कर गुरु ग्रंथ साहिब की नींव रखी थी।
यहां आज से संगत का पहुंचना शुरू हो गया है। हालांकि कोरोना संक्रमण व किसानों के आंदोलन के कारण इस बार संगत की संख्या कम है। इस बार ट्रेनों एवं हवाई यात्रा के पाबंदियों के चलते देश विदेश से भी संगत नहीं पहुंच पा रही है।
दो सेेल्फी प्वाइंट
श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व के मद्देनज़र सुलतानपुर लोधी के प्रमुख स्थानों पर दो सेेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैंं, जिनमें एक गरारी चौक (रोटरी चौक) और दूसरा गुरुद्वारा साहिब के पास चौक में बना है। सेेल्फी प्वाइंट और डिज़ाइन बनाने का विचार हाई कोर्ट के वकील हरप्रीत सिंह सिद्धू द्वारा सुझाया गया और यह सेेल्फी प्वाइंट श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पवित्र शहर सुलतानपुर लोधी में आने वालेे श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
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