Move to Jagran APP

हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में उतरे कर्मचारी, मजदूर और पेंशनर्स

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलित हैं। हरियाणा में कर्मचारी मजदूर व पेंशनर्स भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। कहा कि अगर आंदोलन को कुचलने का प्रयास हुआ तो वे भी किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतर आएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 07:38 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 07:38 PM (IST)
हरियाणा में किसानों के समर्थन में उतरे किसान। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच कर रहे किसानों के समर्थन में शनिवार को हरियाणा के कर्मचारी, मजदूर व पेंशनर्स भी उतर आए। सर्व कर्मचारी संघ की अगुवाई में सभी जिलों में प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने किसान आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया गया। साथ ही सड़क हादसे में मारे गए किसान के आश्रितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सदस्य को स्थायी नौकरी देने की मांग की गई।

loksabha election banner

सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी, सीटू की प्रधान सुरेखा व महासचिव जयभगवान तथा रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष आरसी जग्गा व महासचिव राजेंद्र अहलावत ने किसानों के समर्थन किए प्रदर्शनों की सफलता का दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के आंदोलन का बातचीत से समाधान करने के बजाय पुलिसिया दमन से कुचलने की कोशिश की तो लाखों कर्मचारी, मजदूर, पेंशनर्स, छात्र, नौजवान व महिलाएं भी किसानों के समर्थन में सड़कों पर आने पर मजबूर होंगे।

बता दें, इन दिनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लेकर को राजनीति गरमाई हुई है। दिल्ली बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में डेरा डाले किसान प्रतिनिधि जमकर बरसे तो हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर खूब निशाना साधा। सरकार की ओर से कमान खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृह मंत्री अनिल विज और कृषि मंत्री जेपी दलाल ने संभाली, जबकि विपक्ष की ओर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने मोर्चा खोल दिया।

वहीं, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा का किसान आंदोलन में हिस्सा नहीं ले रहा है। उन्होंने इसके लिए हरियाणा के किसानों का आभार जताया। उधर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई और जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि केंद्रीय कृषि मंत्री और किसानों के बीच मुलाकात को तीन दिसंबर की बजाय तुरंत कराया जाए। केंद्र किसानों के भ्रम और शंकाओं को यथाशीघ्र दूर करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.