PM Modi Security Breach: पंजाब सरकार जल्द भेजेगी रिपोर्ट, 9 आरोपित अधिकारियों को पक्ष रखने का मिलेगा मौका
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध मामले में पंजाब सरकार जल्द ही केंद्र को कार्रवाई की रिपोर्ट भेजेगी। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बता दें कि जिस कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की प्रस्तुत निष्कर्षों पर आधारित है

चंडीगढ़, पीटीआई । प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध मामले में पंजाब सरकार जल्द ही केंद्र को कार्रवाई की रिपोर्ट भेजेगी। बता दें कि जिस कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति द्वारा पेश किए निष्कर्षों पर आधारित है, जिसने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच की थी।
केंद्र सरकार ने हाल ही में इस मामले को लेकर पंजाब राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था।
कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार को भेजी जाएगी
मीडिया से बात करते समय मुख्य सचिव वीके जंजुआ ने कहा कि हमें अदालत द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट मिल गई है, जिसने पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। हम जल्द ही इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे।
वीके जंजुआ बोले- आरोपितों के खिलाफ हर कार्रवाई की जाएगी
वीके जंजुआ से जब पूछा गया कि क्या पूर्व डीजीपी सहित राज्य के नौ पुलिस अधिकारियों को इस रिपोर्ट में आरोपित किया गया है और क्या सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? इस बात पर मुख्य सचिव ने कहा कि कानून के अनुसार जो भी कार्रवाई समझी जाएगी वह की जाएगी। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या इन अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जाएगा? इसपर जंजुआ ने कहा कि कानून के तहत जो भी कार्रवाई करनी होगी की जाएगी।
यह अधिकारियों को ठहराया गया जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि कार्रवाई शुरू करने से पहले फाइल मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए जाएगी। इस मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के अलावा एडीजीपी नरेश अरोड़ा, एडीजीपी साइबर क्राइम जी नागेश्वर राव, डीआईजी फरीदकोट सुरजीत सिंह (अब सेवानिवृत्त), एसएसपी मोगा चरनजीत सिंह, आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राकेश अग्रवाल, डीआईजी फिरोजपुर इंद्रबीर सिंह, एसएसपी फिरोजपुर हरमनदीप हंस को जिम्मेदार ठहराया गया है।
यह हो सकती है कार्रवाई
किसी भी अधिकारी के खिलाफ मेजर पेनल्टी में कई तरह की सजाओं का प्रविधान है। इनमें एक बार इंक्रीमेंट को रोकना, स्थायी तौर पर इंक्रीमेंट रोकना, पद से डिमोट करना, मूल पद पर भेज देना (जहां से अधिकारी ने अपनी सर्विस शुरू की हो) और सेवा से बर्खास्त करना शामिल है। सेवानिवृत्त हो जाने पर उसकी पूरी या आधी पेंशन रोकी जा सकती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी को अपना बचाव करने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों की ओर से हुई चूक को रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है।
हरपाल सिंह चीमा बोले- दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
काबिलेगौर है कि 5 जनवरी, 2022 को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकाबंदी के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
चन्नी पर साधा निशाना
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चीमा ने यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही थी। इस घटना को लेकर भाजपा ने पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 जनवरी को सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए समिति नियुक्त की थी, जिसमें कहा गया था कि इन सवालों को "एकतरफा पूछताछ" के लिए नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि उन्हें जांच के लिए "न्यायिक रूप से प्रशिक्षित स्वतंत्र दिमाग" की जरूरत है।
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