PM Modi Punjab Visit: कल पंजाब आएंगे PM मोदी, AAP मंत्रियों ने प्रधानमंत्री से मांगा 20 हजार करोड़ का स्पेशल पैकेज
पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से बाढ़ राहत के लिए 80000 करोड़ रुपये की मांग की है। कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि राज्य को जीएसटी के कारण भारी नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। मंत्रियों ने बाढ़ से हुए नुकसान का विवरण दिया और केंद्र से तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगलवार को पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से पहले, आप सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की पूरी टीम उतार कर केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये बकाया और 20,000 करोड़ रुपये विशेष पैकेज की मांग की।
सुबह 9 बजे से ही कैबिनेट मंत्रियों ने एक-एक घंटे के अंतराल पर अपनी मांगे रखी। सबसे पहले कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, उसके उपरांत बरिंदर कुमार गोयल, डा. बलबीर और वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है।
प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए अरोड़ा ने कहा कि पंजाब और पंजाबी अपनी विरासत, संस्कृति और परंपरा के अनुसार आपका स्वागत करते हैं, लेकिन आपका यह दौरा सिर्फ़ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा न होकर पंजाबियों के लिए राहत पैकेज भी होना चाहिए।
अरोड़ा ने कहा कि देश में एक ही कर, जीएसटी, लागू होने से पंजाब को 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और पिछले साढ़े तीन साल से केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है।
केंद्र सरकार ने पंजाब के 8000 करोड़ रुपये के रूल डेवलपमेंट फंड और प्रधानमंत्री सड़क योजना के 828 करोड़ रुपये पर रोक लगा दी है। मंत्रियों ने कहा कि बाढ़ से 23 ज़िले प्रभावित हुए हैं और साढ़े चार लाख एकड़ में फ़सलें बर्बाद हो गई हैं। बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं को नुकसान पहुंचा है।
गोयल ने कहा कि सड़कें तबाह होने से मंडी बोर्ड को भारी नुकसान हुआ है। स्कूल-कॉलेजों की लगभग 3300 इमारतें प्रभावित हुई हैं। हज़ारों बिजली के खंभे गिर गए हैं और ट्रांसफार्मर पानी में डूब गए हैं, जिनकी भरपाई के लिए तुरंत धनराशि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में बाढ़ का आकलन करने के लिए पंजाब दौरे के बाद दिए गए बेतुके बयान, जिसमें उन्होंने खनन को बाढ़ का कारण बताया, ने राज्य के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की 130 करोड़ रुपये की दवाइयां और मशीनरी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राज्य की 1280 डिस्पेंसरियां और 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर विभाग को लगभग 780 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और अन्य कर्मचारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और अस्पतालों में लगातार सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में 104 डायल करें। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि विकास के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ भी बाढ़ का कारण है।
केंद्र सरकार को राज्यों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और बाढ़ से हुए नुकसान की ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार को लेनी चाहिए। वहीं, वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने एक बार फिर 60,000 करोड़ रुपये बकाया की मांग की।
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