पैदल तो कभी स्कूटर पर चंडीगढ़ की सड़कें नापते रहे पीएम मोदी, जानिये कैसा रहा जुड़ाव
चंडीगढ़ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा नाता रहा है। 90 के दशक में वे पंचकूला में रहते हुए पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में भाजपा संगठन का विस्तार करते थे। 2014 और 2019 में उन्होंने किरण खेर के लिए प्रचार किया लेकिन 2024 में उनकी रैली रद होने से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। 2014 से देश का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक सफर में वह यादें भी बहुत हैं जब वह पैदल चंडीगढ़ की सड़कों को नापते थे। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल एवं उस दौर के कई और साथियों के साथ स्कूटर पर कार्यकर्ताओं से मिलने जाते थे। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भाजपा संगठन का विस्तार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
90 के दशक में बतौर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ भाजपा प्रभारी रहे मोदी पंचकूला के सेक्टर-7 स्थित मकान नंबर-481 में रह चुके हैं। मोदी 1994 से 99 तक इसी मकान में रहे। इस दौरान वह चंडीगढ़ में तीनों राज्य व यूटी पार्टी पदाधिकारियों से मीटिंग करते थे।
ट्राईसिटी के बहुत से लोगों से निजी तौर पर जुड़े रहते थे। प्रभारी रहते हुए उनका चंडीगढ़ के साथ पंजाब और हरियाणा की राजनीति में भी अहम रोल रहता था। भाजपा के कोषाध्यक्ष राजकिशोर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जिस कमरे में रहते थे, उसमें एक बार चोरी भी हो गई थी।
चर्चा यह रही कि मोदी आते तो संजय टंडन जीत जाते...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चंडीगढ़ से विशेष लगाव रहा है। चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है और दस से अधिक प्रदेशों के लोग यहां बसते हैं। इसलिए इस सीट का रोल हर लोकसभा चुनाव में अहम रहता है। वर्ष 2014 और 2019 में जीतने के बाद 2024 में भाजपा ने यह सीट गंवा दी थी। इस हार का एक कारण राजनीतिक विश्लेषक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चंडीगढ़ में रैली नहीं होना भी मानते हैं।
वर्ष 2014 और 19 में मोदी किरण खेर के लिए प्रचार करने चंडीगढ़ आए थे। 2024 में भी उनकी रैली सेक्टर-34 के ग्राउंड में प्रस्तावित थी। उनकी सुरक्षा से जुड़ी टीम ग्राउंड का निरीक्षण तक करके चली गई थी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उनका आना रद हो गया।
संजय टंडन 2500 मतों से कांग्रेस नेता मनीष तिवारी से हार गए थे। स्थानीय भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि मोदी की रैली होते ही माहौल एक तरफा होगा। लेकिन उनके नहीं आने के बाद भी नेता यह कमी आज तक अहम कारणों में मानते हैं। यह कहीं न कहीं प्रधानमंत्री मोदी की ताकत और चंडीगढ़ से उनके जुड़ाव को प्रबल भी करता है।
प्रधानमंत्री के एक नारे से चली थी पवन बंसल की हार की आंधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में किरण खेर का प्रचार करने खुद चंडीगढ़ आए थे। यहां रैली में उन्होंने पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल पर जमकर प्रहार तो किया। उनके खिलाफ ऐसा नारा दे गए जिससे किरण खेर की जीत पक्की हो गई।
यह नारा था भ्रष्टाचार की पवन को यहीं रोक लो और विकास की किरण को आगे बढ़ाओ। उन दिनों पवन कुमार बंसल रेल घोटाले के आरोप से घिरे थे। इसलिए यह नारा काफी प्रभावी सिद्ध हुआ। इसके बाद 2019 में भी प्रधानमंत्री ने चंडीगढ़ आकर खुद को भाजपा का चेहरा बताते हुए माहौल एक तरफा कर लिया था।
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