लिवर के इलाज में पीजीआइ निभा रहा अहम भूमिका
उत्तर भारत में पंजाब हरियाणा हिमाचल और चंडीगढ़ के लोगों में लिवर की समस्या बढ़ती जा रही है। पीजीआइ के एक शोध के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद 10 में से एक व्यक्ति को लिवर से जुड़ी समस्याएं देखने को मिली हैं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ के लोगों में लिवर की समस्या बढ़ती जा रही है। पीजीआइ के एक शोध के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद 10 में से एक व्यक्ति को लिवर से जुड़ी समस्याएं देखने को मिली हैं। पीजीआइ में लिवर की समस्या से जुझ रहे अधिकतर मरीज पंजाब, हिमाचल और हरियाणा से आते हैं। इसका मुख्य कारण है शराब आदि का सेवन करना। इसके अलावा मोटापा और फास्ट फूड का सेवन करना भी मुख्य कारण है। पीजीआइ में हर साल लिवर की समस्या से जूझ रहे 50 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। वर्ष 1978 से पीजीआइ लिवर के मरीजों को इलाज मुहैया करा रहा है। समय के साथ-साथ लिवर के इलाज में कई नई तकनीक और ट्रांसप्लंट जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं।
पीजीआइ में हाल ही में निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने एडवांस हेप्टोपैनक्रियाटोबिलिरी एंड ट्रांसप्लांट सेंटर की शुरुआत की। इस सेंटर में लिवर आइसीयू में मरीजों के लिए 10 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सेंटर में नई तकनीक के जरिए लिवर के मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए नई मशीन फाइब्रोस्कैन इंस्टाल किया है। इस मशीन के जरिए लिवर के मरीज का मर्ज जल्द पकड़ में आएगा और मरीजों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सेंटर में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा के लिए सात बेड की व्यवस्था की गई है। प्री और पोस्ट ट्रांसप्लांट मरीजों की देखभाल केलिए सेंटर में अलग से व्यवस्था की गई है, ताकि सर्जरी के बाद मरीज को इस अलग बेड पर रखा जा सके इससे किसी प्रकार के संक्रमण को मरीज में फैलने से रोके जाने में मदद मिलेगी।
वर्ष 2011 से कुल 95 लिवर ट्रांसप्लांट हो चुके
वर्ष 2011 से अब तक पीजीआइ में कुल 95 लिवर ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। 64 लिवर ट्रांसप्लांट पीजीआइ में, 30 लिवर पीजीआइ से अन्य अस्पतालों में और एक लाइव लिवर ट्रांसप्लांट किया है। पीजीआइ निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने बताया प्राइवेट अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट पर 20 से 25 लाख रुपये का खर्च आता है। जबकि पीजीआइ में लिवर ट्रांसप्लांट 8 से 10 लाख रुपये में किया जा रहा है।

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