पीजीआई में एम्स की तर्ज पर कोलिजियम सिस्टम लागू, बदले नियम
पीजीआइ चंडीगढ़ में एम्स दिल्ली की तर्ज पर कोलिजियम सिस्टम लागू किया गया है जिसके तहत विभागाध्यक्षों की नियुक्ति रोटेशनल आधार पर होगी। वरिष्ठ विशेषज्ञों की समिति यह तय करेगी कि किसे विभागाध्यक्ष बनाया जाए। इस प्रणाली से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी जिससे संस्थानों में नेतृत्व का संतुलन बना रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय को समिति ने इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी थी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआई में अब विभागाध्यक्षों की नियुक्ति रोटेशनल आधार पर की जाएगी। एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर यहां भी कोलिजियम सिस्टम लागू कर दिया गया है। कोलिजियम सिस्टम लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसने 13 अप्रैल 2023 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अपनी रिपोर्ट रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कोलिजियम सिस्टम की सिफारिश की गई थी।
राज्यसभा में सांसद डा. विक्रमजीत सिंह साहनी के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के आधार पर अगस्त 2023 में नई दिल्ली स्थित एम्स में इस प्रणाली को लागू कर दिया गया था, जिसके बाद अब पीजीआइ में यह कोलिजियम सिस्टम लागू किया जाएगा।
इस प्रणाली के तहत वरिष्ठ विशेषज्ञों की समिति यह तय करेगी कि किसे विभागाध्यक्ष नियुक्त किया जाए। इससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और नेतृत्व में संतुलन सुनिश्चित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे संस्थानों में नई कार्य संस्कृति और जवाबदेही का माहौल बनेगा।
समिति की रिपोर्ट ने दिया था यह सुझाव
कोलिजियम सिस्टम लागू करने के लिए गठित समिति ने 13 अप्रैल 2023 को स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि विभागाध्यक्षों की नियुक्ति एकल निर्णय की बजाय वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक समिति यानी कोलिजियम के माध्यम से की जाए।
समिति ने यह भी सिफारिश की कि नियुक्ति रोटेशनल आधार पर सीमित अवधि के लिए हो, ताकि संस्थानों में नेतृत्व का संतुलन बना रहे और एक ही व्यक्ति वर्षों तक पद पर न बना रहे। चयन प्रक्रिया में वरिष्ठता के साथ-साथ शैक्षणिक उपलब्धियां और प्रशासनिक अनुभव को भी महत्व देने की बात कही गई।
यह है कोलिजियम सिस्टम
-वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक समिति की ओर से विभागाध्यक्ष का चयन
-चयन में वरिष्ठता, योग्यता और प्रशासनिक अनुभव को प्राथमिकता
-नियुक्ति रोटेशनल आधार पर, जिससे नेतृत्व में संतुलन बना रहे
-पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम
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