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    PGI में पांच मिनट का ध्यान, डर-बेचैनी कर रहा कम, 10 हजार मरीज और हजारों डॉक्टरों व स्टाफ कर्मी उठा चुके फायदा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 12:18 PM (IST)

    चंडीगढ़ के पीजीआई में पांच मिनट का ध्यान, मरीज और स्टाफ के लिए संजीवनी बन रहा है। संस्थान के 19 विभागों में रोजाना वर्कप्लेस मेडिटेशन कराया जा रहा है, ...और पढ़ें

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    अक्टूबर 2021 में पीजीआई में योग ध्यान केंद्र स्थापित किया गया था, जिसका अब तक हजारों मरीज फायदा उठा चुके हैं।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जहां हर पल जीवन और मृत्यु की जद्दोजहद चलती है, वहां मन को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होती है। चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में इसी चुनौती का समाधान बनकर उभरा है पांच मिनट का ध्यान अभ्यास। संस्थान के 19 विभागों में रोजाना कराया जा रहा वर्कप्लेस मेडिटेशन मरीजों के डर और बेचैनी को कम कर रहा है।

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    डाॅक्टरों और स्टाफ को मानसिक संतुलन और एकाग्रता दे रहा है। अब तक इस वर्कप्लेस मेडिटेशन का फायदा करीब 10 हजार मरीज उठा चुके हैं। हजारों की संख्या में स्टाफ भी इसका लाभ ले रहा है।

    तेज रफ्तार जीवन, बढ़ते तनाव और भागदौड़ के दौर में मन को स्थिर रखना आज सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। शायद यही कारण है कि योग का अभिन्न हिस्सा होने के बावजूद ध्यान ने आज अपनी अलग पहचान बना ली है और हर वर्ष 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाता है। इसी सोच को व्यवहार में उतारते हुए पीजीआई में ध्यान अब केवल आध्यात्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जरूरत बनता जा रहा है।

    अक्टूबर 2021 में पीजीआई में योग ध्यान केंद्र स्थापित किया गया। केंद्र ने महज चार वर्षों में यह साबित कर दिया है कि ध्यान न सिर्फ मरीजों के लिए, बल्कि डाॅक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ के लिए भी उतना ही आवश्यक है। संस्थान के 19 विभागों में प्रतिदिन ध्यान थैरिपिस्ट पहुंचकर पांच मिनट का वर्कप्लेस मेडिटेशन करवा रहे हैं।

    सेंटर के इंचार्ज का कहना है कि पीजीआई में इलाज के लिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू कश्मीर से हर दिन 12 से 15 हजार मरीज आते है। ऐसे में डाॅक्टर समेत अन्य स्टाफ पर बोझ अधिक रहता है। बोझ के कारण स्टाफ एक जगह ध्यान करने नहीं आ सकता है। वहीं, इलाज के लिए मरीजों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इन सभी पहलुओं का ध्यान में रखते हुए चार वर्ष पहले संस्थान में वर्कप्लेस मेडिटेशन करवाने को लेकर पहल की गई।

    यह छोटा-सा अभ्यास न केवल मानसिक थकान को कम कर रहा है, बल्कि कार्यस्थल पर सकारात्मक माहौल भी बना रहा है। मरीजों का कहना है कि ध्यान से इलाज के दौरान डर और बेचैनी में कमी आती है, वहीं स्वास्थ्यकर्मी खुद को अधिक संतुलित, शांत और एकाग्र महसूस कर रहे हैं। 

    सप्ताह में तीन बार विशेष ध्यान सत्र किए जा रहे आयोजित

    पीजीआई के हेल्थ क्लब में सप्ताह में तीन बार विशेष ध्यान सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हेल्थ वर्कर्स, छात्र और मरीजों के परिजन बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यह पहल ध्यान को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही है।

     


    ध्यान टीम भावना को मजबूत करता है, जो बेहतर क्लीनिकल सेवाओं के लिए बेहद जरूरी है। पीजीआई में स्टाफ और मरीजों के लिए शुरू किया गया पांच मिनट का वर्कप्लेस ध्यान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। आने वाले समय में इसे और विस्तार देने की योजना है।
    — डाॅ. विवेक लाल, निदेशक, पीजीआई