पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को हाईकोर्ट से राहत, निर्वाचन के खिलाफ याचिका खारिज
जालंधर लोकसभा सीट से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के निर्वाचन को रद्द करने की मांग वाली याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने चन्नी पर नामांकन पत्र में जानकारी छिपाने और चुनाव खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील के पेश न होने पर यह फैसला सुनाया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जालंधर लोकसभा सीट से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी का निर्वाचन जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत रद्द करने की मांग की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने याची की तरफ से कई सुनवाई तक कोई वकील पेश न होने के चलते यह फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए जालंधर निवासी गौरव लूथरा ने हाई कोर्ट को बताया था कि जालंधर लोकसभा सीट से चरणजीत सिंह चन्नी सांसद निर्वाचित हुए थे। याची ने बताया कि नामांकन पत्र भरते हुए उन्होंने बहुत सी जानकारियां छुपाई थी।
इसके साथ ही उन्होंने चुनाव में हुए खर्च का भी सही ब्योरा आयोग को नहीं सौंपा है। चुनाव के दौरान एक होटल में 24 घंटे खाने की व्यवस्था रहती थी लेकिन इसका खर्च उन्होंने चुनाव प्रचार के ब्योरे में नहीं दिया। वह रोजाना 10-15 जन सभाएं करते थे लेकिन इस दौरान एक भी वाहन का खर्च उन्होंने प्रचार के ब्योरे में नहीं दिया। रामा मंडी में उन्होंने बिना अनुमति के रोड शो किया।
यहां तक की पोलिंग बूथ के बाहर वोटर स्लिप बांटने के लिए जो बूथ स्थापित किए गए थे उनके खर्च का ब्योरा भी नहीं दिया गया। ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि चुनाव जीतने के लिए चन्नी ने भ्रष्ट साधनों का इस्तेमाल किया और इसके लिए जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत उनका निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए।
याची ने इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत भी दी थी लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में अब याची को चुनाव याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी है।
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