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    जीबीपी ग्रुप के धोखे के बाद जीरकपुर में पैसा लगाने से डर रहे लोग

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 30 Sep 2021 07:15 AM (IST)

    गुप्ता बिल्डर प्रमोटर्स (जीबीपी) ग्रुप करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया और अब निवेशक जीरकपुर में पैसा निवेश करने से डर रहे हैं।

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    जीबीपी ग्रुप के धोखे के बाद जीरकपुर में पैसा लगाने से डर रहे लोग

    संवाद सहयोगी, जीरकपुर : गुप्ता बिल्डर प्रमोटर्स (जीबीपी) ग्रुप करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया और अब निवेशक जीरकपुर में पैसा निवेश करने से डर रहे हैं। कल तक जहां प्रॉपर्टी कारोबार में निवेश के लिए करोड़ों रुपये की बोली लगती थी आज वहां निवेशकों को पैसा लगाने में डर सताने लगा है। निवेशक अब प्रोजेक्ट होल्डरों के पास जाकर यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं उनका लगाया पैसा डूब तो नहीं जाएगा। निवेशकों का कहना है कि अब उनका हौसला नहीं बन रहा कि वह जीरकपुर में पैसा निवेश करें। 45 सौ निवेशक जीबीपी ग्रुप में पैसा डूबने की वजह से सदमे में हैं। इतने बड़े स्तर पर हुए घपले ने हजारों लोगों की कमर तोड़ दी है। बहुत से ऐसे लोग भी थे जिन्होंने अपना सपनों का घर बनाने के लिए जीवनभर की कमाई गुप्ता बिल्डर के हवाले कर दी थी। अश्योर्ड मनी का खेल पड़ा महंगा

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    धोखा खा चुके निवेशकों का कहना है कि बिल्डरों द्वारा शुरू की गई अश्योर्ड मनी स्कीम के चक्कर में वह बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने पैसे कमाने के लालच में जीबीपी बिल्डर्स को पैसे दिए थे एक दो साल तो हर महीने ब्याज के रूप में पैसे मिले भी जिससे उन्हें लगा कि यह धंधा बढि़या है। देखते ही देखते लोगों ने इतने पैसे लगा दिए कि बिल्डरों के मन में बेईमानी आ गई। चंडीगढ़ के एक निवेशक ने नाम ना छापने पर बताया कि, उन्होंने जीबीपी ग्रुप को डेढ़ करोड़ रुपये ब्याज पर दिए थे। इसका वह हर महीने ब्याज देते थे, लेकिन पिछले एक साल से जब वह पैसे देने में आनाकानी करने लगे तो उन्होंने उसे एथेन्स नामक प्रोजेक्ट में दो फ्लैटों का एग्रीमेंट उसके नाम कर दिया। जब कुछ समय बाद पता चला कि यह जो एग्रीमेंट रमन गुप्ता द्वारा किया गया था वह डुप्लीकेट निकला, क्योंकि वह एग्रीमेंट करने के लिए अधिकृत ही नहीं था। इस तरह के कई निवेशक हैं जिनके साथ इस तरह का फ्रॉड हुआ है। किसने कितने पैसे लगाए

    - रवि मोदी ने बताया कि मैंने 20 लाख रुपये फ्लैट लेने के लिए एथेंस में दिए थे।

    - रोहित मनी सिंह ने बताया कि मैंने खरड़ में कैमिल्या नामक प्रोजेक्ट में विला के लिए 75 लाख रुपये दिए थे।

    - दुबई निवासी भगवान दास ने 70 लाख रुपये लगाए थे। लेकिन, जब पैसे वापस मांगने के लिए उनके प्रोजेक्ट जाते तो उनके साथ गाली गलौच की जाती और उन्हें धमकियां दी जाती थीं।

    - इस्त सेठी ने बताया कि उन्होंने 25 लाख रुपये फ्लैट देने के लिए लगाए थे।

    - सारिका पोपलानी ने 28 लाख रुपये फ्लैट के लिए दिए थे।

    - विनय गर्ग ने चार करोड़ रुपये इनके अलग-अलग प्रोजेक्टों में लगाए थे।

    - मधु सूदन गुप्ता ने एथेंस और सेंट्रम में ढाई करोड़ रुपये लगाए हुए थे।

    - मंजीत कौर 9 लाख रुपये ऐथन्स में फ्लैट खरीदने के लिए लगाए थे।

    - दीपिका और सरबजीत सिंह ने 30 लाख रुपये लगाए थे।

    - लक्की इन्वेस्टर ने करीब एक करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए हुए थे।

    - इशप्रीत सिंह के 20 लाख रुपये।

    - विकास तलवार के 25 लाख रुपये।

    - रोहित निवासी जीरकपुर के 35 लाख रुपये।

    - बत्रा निवासी पटियाला के 70 लाख रुपये ऐथन्स नामक प्रोजेक्ट में लगाए हुए थे। इनके अलावा हजारों ऐसे लोग हैं जिनके पैसे जीबीपी ग्रुप में लगे हुए थे।

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