चंडीगढ़ की सड़कें बदहाल सड़कों से लोग परेशान, अभी सिर्फ मरम्मत कराएगा प्रशासन
चंडीगढ़ नगर निगम वी-3 सड़कों की मरम्मत करेगा। प्रशासन ने 2.57 करोड़ रुपये के तीन टेंडर जारी किए हैं जिससे सड़कें एक-दो महीने में ठीक हो जाएंगी। वर्तमान में सड़कों की हालत खस्ता है और मानसून में लोगों को परेशानी हो रही है। प्रशासन मरम्मत कर निगम को सड़कें सौंप देगा। पूर्व इंजीनियरों ने ठेकेदारों की जवाबदेही तय करने की बात कही है ताकि सड़कें जल्दी खराब न हों।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। नगर निगम वी-3 सड़कें प्रशासन को सौंपी हुई हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए इन सड़कों की अभी मरम्मत की जाएगी। गढ्ढे भरकर पैचवर्क किया जाएगा। प्रशासन के इंजीनियरिंग विंग ने 2 करोड़ 57 लाख की राशि के तीन टेंडर जारी किए हैं। टेंडर के अनुसार वी-3 सड़कों की मरम्मत का काम एक से दो माह के बीच हो जाएगा।
इस समय शहर की सड़कों की काफी खस्ता हालत है। कई सड़कों पर इतने गढ्ढे हैं कि लोग वाहनों सहित गिर रहे हैं। मानसून में लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। फंड न होने के कारण नगर निगम सड़कों को ठीक नहीं करा पा रहा था। प्रशासन वी-3 सड़कों की हालत सुधार कर वापस नगर निगम को सौंप देगा।
इन सड़कों की होगी रिपेयर
विज्ञान पथ (जंक्शन 7 से 12), चंडी पथ (जंक्शन 42 से 37) और उद्योग पथ (जंक्शन 29 से 41) जैसी प्रमुख सड़कों का काम शामिल है। हिमालय मार्ग, सुखना पथ और सरोवर पथ। जक्शन नंबर -1 से 46, जक्शन नंबर -2 से 32 (उद्योग पथ) और सेक्टर-25 के चितकारा स्कूल के सामने की जक्शन नंबर -23 से 24 की सड़कें।
ठेकेदार की जवाबदेही तय होनी चाहिए
नगर निगम के पूर्व इंजीनियर हरजिंदर सिंह का कहना है कि सड़कों की हालात सुधारने के लिए ज्यादा से ज्यादा ठेकदारों की जवाबदेही होनी चाहिए। उनका कहना है कि टेंडर में ही यह शर्त शामिल कर देनी चाहिए कि अगर पांच साल के कार्यकाल से पहले सड़क टूट जाती है तो उसके रिपेयर का काम वह ठेकेदार ही करेगा। उनका कहना है कि इस समय पूरे शहर की सड़कों की हालात खस्ता है।
प्रशासन व निगम के लड़ाई से लोगों को मतलब नहीं, सड़कें ठीक हों
सेकेंड इनिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग का कहना है कि रिपेयर का काम कर सिर्फ कुछ समय के लिए राहत दी जा रही है ताकि लोगों का गुस्सा शांत किया जा सके। समय से पहले जो सड़कें टूटती हैं उनकी जांच होनी चाहिए। इससे जनता का पैसा बर्बाद होने से बचेगा। प्रशासन और नगर निगम के अफसर सड़कों के लिए लड़ते रहते हैं, लेकिन लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है। लोगों तो सिर्फ इतना चाहिए कि शहर की सड़कें अच्छी रहें। इस समय शहर की कोई सड़क ऐसी नहीं है जिसकी हालात अच्छी हो ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।