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    तुरंत भर दीजिये प्रॉपर्टी Tax, नहीं तो बढ़ेगी मुश्किल, चंडीगढ़ में डिफॉल्टरों की प्रॉपर्टी होगी अटैच

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 12:16 PM (IST)

    चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। 50 हजार से अधिक बकाया होने पर संपत्ति अटैच करने और पानी के कनेक्शन काटने के नोटिस भेजे जा रहे हैं। निगम ने इस साल रिकॉर्ड 81 करोड़ रुपये टैक्स वसूला है और बकायादारों से 170 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करनी है।

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    नगर निगम ऐसे सभी डिफाॅल्टरों की सूची तैयार कर उन्हें अटैचमेंट के नोटिस भेजकर कार्रवाई करनी शुरू कर चुका है।

    बलवान करिवाल, चंडीगढ़। अगर आप अपना प्रापर्टी टैक्स किन्हीं कारणों से अभी तक नहीं भर पाए हैं तो तुरंत भर दीजिए। प्राॅपर्टी टैक्स नहीं भरने से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है आपकी प्राॅपर्टी कानूनी केस में फंस जाए। प्राॅपर्टी अटैच भी हो सकती है। साथ ही पानी का कनेक्शन भी कट जाएगा।

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    नगर निगम ने प्राॅपर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों पर यह कार्रवाई शुरू कर दी है। अगर आपने भी टैक्स नहीं भरा तो बिना देरी करे इसे क्लीयर कर दीजिए। नगर निगम ऐसे सभी डिफाॅल्टरों की सूची तैयार कर उन्हें अटैचमेंट के नोटिस भेजकर कार्रवाई करनी शुरू कर चुका है। 50 हजार रुपये अधिक टैक्स बकाया वाले डिफाल्टरों को निगम ने अटैचमेंट नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं।

    साथ ही पानी के कनेक्शन काटने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद 20 हजार रुपये से ऊपर के टैक्स डिफाॅल्टरों की सूची तैयार की जा रही है। पहली बार निगम ने चौतरफा कार्रवाई करनी शुरू की है। 50 हजार रुपये से अधिक देनदारी वाले टैक्स डिफाॅल्टरों की संख्या दो हजार से अधिक है।

    इन सभी को निगम ने रिकवरी नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। इस नोटिस में उन्हें प्राॅपर्टी टैक्स का बकाया जमा कराने के लिए निर्धारित समय दिया जा रहा है। ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में पानी का कनेक्शन काटने अगर पानी का कनेक्शन नहीं है तो प्राॅपर्टी अटैचमेंट या दोनों कार्रवाई होंगी। पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) -1994 के तहत निगम प्राॅपर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों की प्राॅपर्टी अटैच कर सकता है बेच सकता है अगर वह बकाया टैक्स जमा नहीं करते हैं।

    170 करोड़ बकाया

    निगम के टैक्स डिफाॅल्टरों के पास 170 करोड़ से अधिक बकाया है। इसमें 100 करोड़ रुपये के मामले न्यायालय में विचाराधीन या विवादित हैं। निगम ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक तक रिकार्ड 81 करोड़ रुपये टैक्स जुटा लिया है। जबकि पिछले पूरे वर्ष में 59 करोड़ रुपये ही टैक्स जमा हुआ था। अभी इस वित्त वर्ष के पांच महीने शेष हैं।

    ऐसे में प्राॅपर्टी टैक्स जमा होने का आंकड़ा 100 करोड़ को पार करने की पूरी संभावना निगम अधिकारी जता रहे हैं। पुराने और बड़े टैक्स डिफाल्टरों से भी एरियर वसूला जा रहा है। सबसे बड़े टैक्स डिफाॅल्टरों में से एक पीजीआइ ने 11 करोड़ रुपये निगम को एरियर के रूप में जमा करा दिए हैं। रेलवे ने तीन करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट जैसे बड़े टैक्स डिफाॅल्टरों ने भी एरियर जमा कराया है।