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पंजाब अाप के भगवंत मान बने प्रधान तो पार्टी में मचा घमासान

भगवंत मान को आम आदमी पार्टी का पंजाब प्रधान बनाए जाने से पार्टी में हंगामे की स्थिति है। दिल्‍ली बैठक में इसको लेकर काफी हंगामा हुआ।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 09 May 2017 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 10 May 2017 01:02 PM (IST)
पंजाब अाप के भगवंत मान बने प्रधान तो पार्टी में मचा घमासान

जेएनएन, चंडीगढ़। भगवंत मान काे पंजाब में आम आदमी पार्टी का प्रधान बनाए जाने पर पार्टी में हंगामाे की स्थिति है। इसको लेकर दिल्ली में हुई बैठक में भी हंगामा हुआ। दस बैठक में भगवंत मान को पार्टी का पंजाब प्रधान व अमन अरोड़ा को उप प्रधान तथा जगराओं से विधायक सर्वजीत कौर को आप विधायक दल में उपनेता बनाया गया है। पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के फैसलों से आहत भुलत्थ से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने चीफ व्हिप व प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन केजरीवाल ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।

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गुरप्रीत घुग्घी की छुट्टी, दिल्ली की बैठक में हुआ जमकर हंगामा

आप ने पंजाब में नए सिरे से संगठनात्मक ढांचा तैयार करने की दिशा में यह कदम उठाया है। 2019 लोकसभा चुनाव व जल्द ही होने वाले निगमों के चुनाव के मद्देनजर आप ने सिख, हिंदू व दलित चेहरों को जिम्मेवारियां सौंपी हैं। भगवंत मान को संजय सिंह व केजरीवाल के करीबी रिश्तों का लाभ मिला है तो अमन अरोड़ा को हिंदू चेहरे के चलते पार्टी ने संगठन में मान के नीचे उप प्रधान की जिम्मेवारी सौंपी है।

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 सर्वजीत कौर को दलित चेहरा होने के चलते विधायक दल का उपनेता बनाया गया है। इस तरह केजरीवाल ने संगठन में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कवायद की है। लेकिन, सुखपाल सिंह खैहरा व कंवर संधू जैसे चेहरों को किनारे करके केजरीवाल ने पार्टी में नई सियासत को जन्म दे दिया है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में मान को प्रधान बनाए जाने को लेकर घुग्घी व खैहरा ने जमकर विरोध किया। घुग्घी ने कहा कि मान को उनकी जगह क्यों दी जा रही है? विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा अकेले घुग्घी के सिर पर क्यों फोड़ा जा रहा है, जबकि मान खुद चुनाव प्रचार कमेटी के चेयरमैन थे। उन्होंने यहां तक कह डाला कि मान की आदतों खासतौर पर शराब पीकर पार्टी की बदनामी करवाने को लेकर भी पार्टी की छवि खराब हुई है, ऐसे में मान को पार्टी की कमान कैसे दी जा सकती है।

केजरी ने मान को दी चेतावनी

केजरीवाल ने भगवंत मान को यह चेतावनी देकर प्रधान बनाने की घोषणा की कि अब वह शराब पीने से दूर रहेें। अगर इसकी कोई शिकायत आई तो उन्हें भी बदल दिया जाएगा।

विधायकों से अलग-अलग की बात

पीएसी की बैठक से पहले केजरीवाल ने सभी विधायकों व बड़े नेताओं को अकेले-अकेले बुलाकर उनसे करीब एक-एक मिनट बात की। इसके बाद बैठक में अपना फैसला सुनाया। कुछ विधायकों ने बताया कि सबकुछ पहले ही तय किया जा चुका था, बैठक कर केवल खानापूर्ति की गई है। गुरप्रीत घुग्घी ने जब बैठक में फैसलों का विरोध किया तो केजरीवाल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छे नेता हैं, लेकिन चुनाव में उन्हें जितना प्रदर्शन पार्टी के लिए करना चाहिए था उतना नहीं कर पाए। इसलिए उन्हें कन्वीनर के पद से हटाया जा रहा है।

बैठक में लिए गए फैसले

-मालवा, दोआबा व माझा के लिए चार उप प्रधान तैनात होंगे। दो मालवा व एक-एक दोआबा तथा माझा में।
-पंजाब की कार्यकारिणी पंजाब के मामलों को लेकर सभी फैसले खुद करेगी।
-भगवंत मान को पार्टी ने पंजाब के मामलों के सारे फैसले लेने के अधिकार दिए हैं।
-पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं को पार्टी से निकाला जाए।
-जल्द ही मान कार्यकारिणी के बाकी पदाधिकारियों की नियुक्ति केजरीवाल की सहमति से करें।
-पार्टी नेता कांग्रेस सरकार की कारगुजारी को सभी के सामने रखें, लोगों के बीच में जाएं।

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