Parkash Singh Badal: 43 साल की उम्र में बने थे पंजाब के मुख्यमंत्री, आजादी के बाद सबसे युवा सीएम थे बादल
प्रकाश सिंह बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की थी। वह पंजाब की राजनीति में आने से पहले गांव बादल के सरपंच और बाद में लंबी ब्लॉक समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने साल 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था।
चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। बादल मोहाली के निजी अस्पताल में भर्ती थे। बीते कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे। वहीं 25 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रकाश सिंह बादल 1970 से 1971 तक फिर 1977 से 1980 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 1997 से 2002 तक और 2007 से 2017 तक पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह 1995 से 2008 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। वहीं अब उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल पार्टी के अध्यक्ष हैं। भारत सरकार ने प्रकाश सिंह बादल को 2015 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
कब शुरू हुआ राजनीतिक जीवन
प्रकाश सिंह बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की थी। वह पंजाब की राजनीति में आने से पहले गांव बादल के सरपंच और बाद में लंबी ब्लॉक समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने साल 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 1969 में वो फिर से चुने गए। इस दौरान उन्होंने सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया।
सबसे कम उम्र में बने CM
उन्होंने चार कार्यकालों के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 1970 में वह सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे। प्रकाश सिंह बादल ने विपक्ष में भी अहम भूमिका निभाई। वह 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता थे। इतना ही नहीं, मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वह सांसद भी चुने गए।
प्रकाश सिंह बादल की निजी जिंदगी
प्रकाश सिंह बादल ने 1959 में सुरिंदर कौर से शादी की थी। उनके एक बेटा और एक बेटी हुई। बेटे का नाम सुखबीर सिंह बादल है और बेटी का परनीत कौर। परनीत कौर की शादी आदेश प्रताप सिंह कैरों से हुई है। बता दें कि बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का 2011 में कैंसर के कारण लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।