पंजाब में पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव होंगे पहले, फिर होगा लुधियाना उपचुनाव
लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव से पहले पंजाब में 158 पंचायत समितियों और 23 जिला परिषदों के चुनाव हो सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मई के मध्य में चुनाव हो सकते हैं। सरकार ने हाईकोर्ट को हलफिया बयान दिया है कि 31 मई से पहले चुनाव करवा दिए जाएंगे। पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल सितंबर 2023 में खत्म हो गया था।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। राजनीतिक पार्टियां लुधियाना पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है लेकिन इससे पहले पंजाब में 158 पंचायत समितियों और 23 जिला परिषद के चुनाव हो सकते हैं।
राज्य चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि मई के मध्य में आयोग पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव करवा सकता है। चुनाव करवाने को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट को भी हलफिया बयान भी दिया हुआ है कि 31 मई से पहले चुनाव करवा दिए जाएंगे।
चुनाव में तकरीबन 1.30 करोड़ मतदाता लेते हैं हिस्सा
पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल सितंबर 2023 में खत्म हो गया था। तब से पंजाब सरकार ने चुनाव नहीं करवाए हैं। इसे लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर हुई थीं। इसके बाद सरकार ने 31 मई से पहले चुनाव करवाने का हलफिया बयान दिया था। अहम बात यह हैं कि इस चुनाव में तकरीबन 1.30 करोड़ मतदाता हिस्सा लेते हैं। हर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में एक जिला परिषद है, जबकि पंचायत समितियों की संख्या करीब 158 है।
पार्टियों के चुनाव निशान पर लड़े जाते हैं यह चुनाव
आयोग के सूत्र बताते हैं कि गेहूं की कटाई और स्कूलों में परीक्षाएं खत्म होने के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। यह चुनाव पार्टियों के चुनाव निशान पर लड़े जाते हैं, जिसे देख कर यह तय माना जा रहा हैं कि सभी राजनीतिक पार्टियां इसमें अपना पूरा जोर लगाएंगी।
यह चुनाव इसलिए भी अति महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि पंचायत समिति और जिला परिषद में जिस पार्टी का वर्चस्व होता हैं, उस पार्टी की ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ रहती है। हालांकि राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर अभी लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में होने वाला विधानसभा का उपचुनाव है लेकिन इसकी अभी घोषणा नहीं की गई है। यह सीट विधायक गुरप्रीत गोगी की मृत्यु के बाद खाली हुई थी।
यह उपचुनाव 10 जुलाई से पहले चुनाव आयोग को करवाना है, लेकिन सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने अभी से इसके लिए पूरी ताकत झोंक दी है। प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है।

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