मोहाली में अवैध रूप से काटे गए 200 से अधिक पेड़, हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मोहाली के गिद्दरपुर गांव में पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण के आरोपों पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। किसान सुरजीत सिंह की याचिका के अनुसार उजागर सिंह नामक व्यक्ति ने पंचायत सदस्यों के साथ मिलकर निर्माण शुरू करने से पहले 200 से अधिक पेड़ काट दिए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मोहाली के गिद्दरपुर गांव में पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई और पंचायत भूमि पर अवैध निर्माण के आरोपों पर दायर जनहित याचिका में पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। यह याचिका गांव के किसान सुरजीत सिंह (60) ने दायर की है।
उनका आरोप है कि 5 नवम्बर 2024 को उजागर सिंह नामक ग्रामीण ने पंचायत सदस्यों की मिलीभगत से निर्माण शुरू करने से पहले 200 से अधिक पेड़ काट दिए। इनमें 15–20 वर्ष पुराने पेड़ भी शामिल थे। सुरजीत सिंह ने मार्च 2025 में पहली बार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और जुलाई 2025 में अवमानना याचिका भी लगाई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति संजीव बेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में सात प्रतिवादियों को पक्षकार बनाया गया है जिनमें पंजाब के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला वन अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गिद्दरपुर ग्राम पंचायत का सरपंच, सनेटा पुलिस चौकी प्रभारी और उजागर सिंह शामिल हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ग्राम पंचायत प्रशासक ने 12 नवम्बर 2024 को निर्माण रोकने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस और वन विभाग को शिकायतें भी दी गईं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट ने जुलाई में 115 पेड़ों की कटाई स्वीकार करते हुए वन विभाग को नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई।
याचिका में एमसी मेहता बनाम भारत संघ मामले का हवाला देते हुए कहा गया है कि अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ पर न्यूनतम 1 लाख रुपये जुर्माना और काटे गए पेड़ों की संख्या से 10 गुना अधिक वृक्षारोपण अनिवार्य है। इस मानक के अनुसार, 116 पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार लोगों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और 2,320 देशी पौधे रोपकर उनका रखरखाव किया जाना चाहिए।
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