पीयू सीनेट विवाद पर फूटा आक्रोश, 10 तारीख को चंडीगढ़ घेरने की तैयारी; जत्थेबंदियों ने पुलिस को दी चुनौती
पंजाब और हरियाणा की जत्थेबंदियां पीयू सीनेट विवाद को लेकर 10 तारीख को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। छात्र, किसान और मजदूर संगठनों ने पुरानी सीनेट की बहाली की मांग की है। उन्होंने पुलिस से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देने का अनुरोध किया है और चेतावनी दी है कि यदि उन्हें रोका गया तो प्रदर्शन पूरे शहर में फैल जाएगा। भाजपा को छोड़कर अन्य दलों का समर्थन प्राप्त है।

पीयू सीनेट विवाद पर फूटा आक्रोश। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा जत्थेबंदियां 10 तारीख को 11 बजे सीनेट की बहाली को लेकर बड़े स्तर पर पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचने की अपील की है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल की छात्र-कृषक-मजदूर संगठनों ने केंद्र सरकार और पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के विवादित निर्णय के विरोध में 10 तारीख को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में बड़े स्तर पर पहुंचने की सार्वजनिक अपील की है।
आयोजकों ने कहा है कि प्रदर्शन का उद्देश्य पुरानी 91 सदस्यीय सीनेट की बहाली व जारी नोटिफिकेशन की पुनः प्रभावशीलता की मांग करना है।
आयोजकों ने दावा किया कि छात्र, किसान, शिक्षक व मजदूर संगठनों ने एकजुटता जताई है और हर जिले व हर गांव से कम से कम दो-दो गाड़ियां भेजी जाएंगी। उनका कहना है कि प्रचार के लिए सोशल मीडिया, गांव-गांव यूनिट मीटिंग, तथा गुरुद्वारों में भी व्यापक अभियान चलाया जा रहा है ताकि प्रदर्शन को लंबा और निर्णायक बनाया जा सके।
आयोजन की रूपरेखा में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन पूरे दिन जारी रहेगा तथा गेट संख्या 3 बंद रखा जाएगा, जबकि गेट संख्या 2 खुला रहेगा। आयोजक यह भी मांग कर रहे हैं कि पहले जैसी 91 सदस्यीय सीनेट बहाल कर नोटिफिकेशन लागू किया जाए।
आयोजकों की अपील- पुलिस से न रोका जाए
आयोजनकर्ता चंडीगढ़ व पंजाब पुलिस से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें रोका न जाए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारियों को रोका गया तो यह सिर्फ पंजाब यूनिवर्सिटी तक सीमित न रहेगा, बल्कि पूरे चंडीगढ़ में प्रदर्शन व विरोध तेज कर दिया जाएगा। आयोजकों ने कहा कि वे भाजपा सरकार के पुतले जलाने व भाजपा कार्यालयों का घेराव करने तक की बात कर रहे हैं।
राजनीतिक दलों की भागीदारी और भाजपा का परहेज
आयोजनकर्ताओं ने दावा किया कि भाजपा को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख पक्ष उनके साथ हैं और अब तक भाजपा से किसी तरह की बातचीत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि भाजपा को यह चेतावनी समझ ली गई है।
आयोजन के अगले कदम
आयोजकों ने कहा कि 10 तारीख़ के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और प्रदर्शन को लंबा रखने के लिए संगठनात्मक व्यवस्थाएँ पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर जिले से कम-से-कम दो गाड़ियाँ भेजी जाएँ और हर गांव में मौर्चे के समर्थन का संकलन जारी है।

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