जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर कहा है कि उनको करतारपुर कॉरिडोर खोलने की पाकिस्तान की मंशा पर अब भी शक है। कॉरिडोर को खोलना ISI का एजेंडा हो सकता है। इसका उद्देश्य रेफरेंडम-2020 के लिए हो सकता है, जिससे सिख भाईचारे को प्रभावित किया जा सके। खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा भी ऐसा किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर व गुरु नानक के नाम पर यूनिवर्सिटी शुरू करने जैसे फैसलों पर भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। इनके पीछे छिपे एजेंडे को भी ध्यान से परखने की जरूरत है। भारत को इस मामले में पाकिस्तान के सिर्फ चेहरे पर नहीं जाना चाहिए, सभी चीजों को समग्र तौर पर लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि नौ नवंबर को पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से किया जाना है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और पहले जत्थे को रवाना करेंगे। इस जत्थे की अगुवाई कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे हैं। जत्थे में सभी विधायक, सांसद, देश के कई गणमान्य व्यक्ति और पत्रकार शामिल रहेंगे।

प्रकाशोत्सव के राजनीतिकरण पर जताया अफसोस

कैप्टन ने गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव का राजनीतिकरण किए जाने पर अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का राजनीतिकरण करना तो गुरु नानक देव की विचारधारा के खिलाफ है। भारत को इस अवसर पर एकता के साथ खड़े होकर दुनिया के सामने आने की जरूरत है। राजनीतिक विरोधाभासों को त्यागकर पहले की तरह ही इस बार भी महोत्सव का आयोजन सरकार द्वारा ही किया जाना चाहिए।

समारोह का काम प्रदेश सरकार पर छोड़ देना चाहिए

कैप्टन ने कहा कि इस मौके पर सियासत को एक तरफ रखना चाहिए और इस महान समारोह का काम प्रदेश सरकार पर छोड़ देना चाहिए। ऐसा पहले भी होता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी सिखों की तरह वह भी करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में नतमस्तक होने के बारे में सोच कर काफी खुश हैं। यह हमारी अरदास में हमेशा रहा है।

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Edited By: Kamlesh Bhatt

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