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    कभी शिअद की रैलियों में करते थे कामेडी, आज उसके दिग्गजों को हराकर बनेंगे सीएम, जानें भगवंत मान की कहानी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Mar 2022 10:56 AM (IST)

    Punjab Results 2022 पंजाब में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत से नायक के तौर पर उभरे भगवंत मान के सियासी करियर की कहानी बेहद रोचक है। मान कभी शिरोमणि अ ...और पढ़ें

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    Punjab Results 2022: धूरी में जीत दर्ज करने के बाद समर्थकों के बीच भगवंत मान। (जागरण)

    चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Punjab Results 2022: संगरूर के गांव सतौज का 'जुगनू' जिसने अपना करियर कामेडियन 'झंडा अमली' के रूप में शुरू किया आज पूरे पंजाब के लिए सीएम साहिब बनने वाला है। हम भगवंत मान की बात कर रहे हैं, जो सांसद बनने के बाद अब पंजाब के मुख्‍यमंंत्री बनने वाले हैं। कभी शिरोमणि अकाली दल की रैलियों में सियासी कटाक्षों से कामेडी करने वाले भगवंत मान, अब उसके ही (शिअद के) दिग्‍गजों को हराकर सीएम बनने जा रहे हैं।   

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    दरअसल भगवंत मान की करियर की कहानी बेहद रोचक है। सीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले मान का यह सफर  आसान नहीं था। सेलिब्रिटी होने के बावजूद जिस सादगी से वह आगे बढे़ और उन्‍होंंने  जो मेहनत की उसी का नतीजा है कि जनता ने उनके सिर ताज सजाने का फैसला किया। वह शपथ लेने के साथ ही पंजाब के 18वें मुख्यमंत्री बनेंगे।

    वह अपनी रैलियों में जिन पॉलिटिकल कटाक्ष के लिए जाने जाते हैं और भीड़ को जुटाने में सबसे माहिर माने जाते   हैं, उनका वह अंदाज आज से नहीं, बल्कि विद्यार्थी जीवन से ही है। नब्बे के दशक में जब वह सुनाम में कॉलेज गए, तभी से ही स्टेज पर कामेडी करते रहे हैं। यही नहीं, तब की सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल की रैलियों में वह कामेडी करते थे। दरअसल भगवंत मान को वहीं से कामेडी कैसेट निकालने का आईडिया भी आया। अपने कामेडी कैसेट 'कुल्फी गर्मा गर्म', 'मिठियां मिर्चां' आदि से वह लोगों में इतना मशहूर हो गए कि उनको पहले जुगनू और फिर झंडा अमली का नाम मिल गया। 

    यहीं से उन्हें सियासी कटाक्ष करने का चस्का लग गया और वह अखबारों के लिए आर्टिकल भी लिखने लगे। 2011 में जब मनप्रीत बादल ने शिरोमणि काली दल से अलग होकर अपनी पंजाब पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) बनाई तो तो भगवंत मान उसमें शामिल हो गए। पहली बार उन्होंने 2012 में लहरागागा से विधानसभा में बीबी राजिंदर कौर भट्ठल के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

    इसी दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी का उभार हुआ और वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें संगरूर से टिकट दिया और उन्होंने विजय इंद्र सिंगला और सुखदेव सिंह ढींडसा जैसे दिग्गजों को एक लाख से ज्यादा के मतों से हरा दिया।  हालांकि, तब तक पार्टी ने उन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया था। ऐसे में उन पर आरोप भी लगते रहे कि वह पार्टी में बड़े नेताओं को आने नहीं दे रहे हैं, लेकिन जब 2017 में आम आदमी पार्टी को अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली तो भगवंत मान भी काफी निराश हो गए। 

    इसके कुछ ही समय बाद वह फिर से लोगों के बीच आ गए और उनको पंजाब में आप का प्रधान बनाया गया।  पंजाब में पार्टी की कमान मिलने के बाद उन्होंने पूरे राज्‍य में जाना शुरू किया। 2017 में जहां पार्टी का जनाधार सिर्फ मालवा क्षेत्र में था, भगवंत उसे माझा और दोआबा में भी ले गए। उनकी इसी मेहनत के चलते आज लोगों ने उनके नाम पर मुहर लगाई है और उन्हें ऐसा फतवा दिया है कि आज तक पंजाब के राजनीतिक इतिहास में किसी भी पार्टी को नहीं मिला।

    सेलिब्रिटी होने और दो बार सांसद बनने के बावजूद भगवंत मान ने जिस प्रकार से अपने आप को जमीन से जोड़े रखा है उसी कारण लोगों ने उन पर भरोसा जताया है। उन पर कभी किसी किस्म का भ्रष्टाचार करने का आरोप नहीं लगा। आज भी वह किराये के मकान में रहते हैं।