तेल से दूरी, सेहत से दोस्ती: चंडीगढ़ के 110 सरकारी स्कूलों में CBSE के निर्देश पर लगेंगे Oil board
चंडीगढ़ के 110 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई के निर्देशानुसार ऑयल बोर्ड लगाए जाएंगे। इन बोर्डों से छात्रों को तेल वाले भोजन के नुकसानों के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे वे संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंगे। सीबीएसई ने स्कूलों को बच्चों में बढ़ते मोटापे और गलत खानपान की आदतों को लेकर सतर्क किया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अब बच्चों को स्कूलों में सिर्फ किताबें ही नहीं, सेहतमंद जीवनशैली भी सिखाई जाएगी। सीबीएसई के निर्देशों के तहत शहर के 110 सरकारी स्कूलों में ऑयल बोर्ड लगाए जाएंगे। इन बोर्ड्स के ज़रिए छात्रों को अधिक तेल वाले भोजन के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिससे बच्चे कम उम्र से ही संतुलित आहार और सक्रिय जीवनशैली को अपनाएं।
सीबीएसई ने देशभर के सभी स्कूलों को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि बच्चों में बढ़ता मोटापा और गलत खानपान की आदतें चिंता का विषय हैं। बता दे कि, खासकर चंडीगढ़ जैसे शहरी इलाकों में फास्ट फूड और तली-भुनी चीजों की उपलब्धता बच्चों की सेहत पर विपरीत असर डाल रही है।
स्कूलों में बदलेगा माहौल, बढ़ेगी जागरूकता
शहर के सरकारी स्कूलों में अब कैफेटेरिया, लाबी, स्टाफ रूम और सार्वजनिक जगहों पर बड़े-बड़े ऑयल बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर यह दर्शाया जाएगा कि ज्यादा तेल और वसा वाला भोजन किस तरह शरीर को नुकसान पहुंचाता है। जानकारी के मुताबिक ये बोर्ड प्रिंट और डिजिटल दोनों स्वरूपों में होंगे।
सीबीएसई के मुख्य निर्देश
- ऑयल बोर्ड: स्कूल परिसर में प्रमुख स्थानों पर लगेंगे बोर्ड, जिनसे बच्चों और शिक्षकों को तेलयुक्त भोजन के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी।
- स्टेशनरी पर हेल्थ मैसेज: स्कूलों की स्टेशनरी, जैसे- लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड आदि पर सेहतमंद जीवनशैली से जुड़े संदेश छापे जाएंगे।
- स्वस्थ आहार पर जोर: स्कूल बच्चों को फल-सब्जियों और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रेरित करेंगे।
- एक्टिविटी को बढ़ावा: बच्चों को सीढ़ियां चढ़ने, छोटे-छोटे व्यायाम ब्रेक लेने, और पैदल चलने जैसी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मोटापे पर चिंता, 2050 तक हालात और बिगड़ सकते हैं
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में 2021 में करीब 18 करोड़ लोग मोटापे से जूझ रहे थे, और यह संख्या 2050 तक 45 करोड़ तक पहुंच सकती है। इस गंभीर संकट को देखते हुए सीबीएसई ने यह कदम उठाया है। चंडीगढ़ में बच्चों के बीच जंक फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिस कारण
चंडीगढ़ के बच्चों की सेहत पर जंक फूड
शहर में 54.6 प्रतिशत बच्चों पर एनीमिया (खून की कमी) का संकट गहराया हुआ है। चंडीगढ़ में बच्चों की चिंताजनक बनी एनीमिया की स्थिति का खुलासा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट में हुआ है। नेशनल हेल्थ एक सर्वे के अनुसार भी देश में बच्चों में एनीमिया पीड़ित का प्रतिशत 67.1 है। विशेषज्ञों में एनीमिया का सबसे बड़ा कारण जंक फूड का अधिक सेवन करना है।
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