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    हे किसान रखो अपना ध्यान, प्रदर्शनों में कोरोना नियमों की अनदेखी पड़ सकती है बहुत भारी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 26 Sep 2020 10:36 PM (IST)

    पंजाब में किसान केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पिछले तीन‍ दिनों तक सड़कोें और रेल ट्रैकाें पर धरना दिया व प्रद ...और पढ़ें

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    पंजाब में प्रदर्शन और धरना देते किसान संगठनों के सदस्‍य।

    पटियाला/चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर हैं। भले ही उन्होंने रेल ट्रैक से पक्का मोर्चा उठा लिया लेकिन बंद की कॉल के दौरान प्रदेश में 125 से अधिक जगह पर सैकड़ों किसान एकत्र हुए थे। वहां न उन्होंने शारीरिक दूरी का ध्यान रखा और न मास्क पहना। उनके समर्थन में आए नेताओं व पॉलीवुड स्टार ने भी नियम नहीं माने, ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

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    प्रदर्शन के दौरान किसान भूल रहे कोरोना से बचाव के नियम, न शारीरिक दूरी और न मास्क

    आंदोलन की राह पर चले किसान पहले ही कोविड टेस्ट नहीं करवा रहे और गांवों में जाने वाली मेडिकल टीमों का विरोध हो रहा है। ऐसे में इसके बड़े स्तर पर फैलनेे से इंकार नहीं किया जा सकता। अब तक गांवों में कोविड की पहुंच इतनी नहीं रही लेकिन ध्यान नहीं रखा तो यह पंजाब के 12 हजार 600 गांवोंं में पैर जमा सकता है। सरकारी आदेशों से बंधा प्रशासन भी इन पर कार्रवाई करने से बच रहा है और सेहत विभाग की टीम ने पहले ही हाथ पीछे खींच लिए हैं।

    किसानों ने कहा-कोरोना नहीं, सरकारी नीतियां घातक

    प्रदर्शनों से संक्रमण फैलने को लेकर किसानों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे कोरोना से तो नहीं मरेंगे लेकिन सरकार की नीतियां उन्हें मार देंगी। गांव तुंगा के किसान नेता हरमेल सिंह ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों ने किसानों का जीना मुश्किल कर दिया है। गांव अचल के दरबारा सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार विधेयक के नाम पर आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है। उन्हें कोरोना का फिक्र नहीं बल्कि अपने भविष्य का है। गांव लंग के वरिंदर सिंह गोगी का मानना है कि यह बिल कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। कोरोना से बचाव से जरूरी है इस बिल को रद करवाना।

    बढ़ सकता है प्रकोप: डॉक्टर

    पटियाला के सिविल सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा ने कहा कि कोरोना महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व बनता है कि अपना रोष व्यक्त करने के साथ-साथ कोरोना से बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन करें, ताकि परिवार और समाज को संक्रमण से बचाया जा सके। प्रदर्शनकारी शारीरिक दूरी और मास्क पहनकर भी हक मांग सकते हैं। जिस हिसाब से बड़ी संख्या में किसान एकत्र हो रहे हैं, कोरोना का प्रकोप बढ़ सकता है।

    मामला संजीदा : प्रशासन

    पटियाला के डीसी कुमार अमित ने कहा कि जिला प्रशासन तो कई माह से पब्लिक को लगातार अपील कर रहा है कि मास्क पहनें और शारीरिक दूरी का पालन करो। इन दिनों चूंकि कृषि विधेयक संबंधी मामला संजीदा है तो ऐसे में किसी भी जगह बड़ी संख्या में इक_े हुए किसान इसका पालन नहीं कर रहे जोकि ठीक नहीं।

    सरकार का समर्थन भी एक कारण

    किसानों के आंदोलन को सरकार ने भी समर्थन दे रखा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कह चुके हैं कि हक के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कोई केस दर्ज नहीं होगा। यही नहीं जिनके खिलाफ केस दर्ज भी हुए हैं, वे वापिस लिए जाएंगे। ऐसे में कोरोना के संक्रमण के दौरान इस तरह से प्रदर्शन करना राज्य की जनता के लिए भारी पड़ सकता है।