Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:03 PM (IST)
हरियाणा सरकार ने कर चोरी रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी लखनऊ के साथ समझौता किया है। इससे आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण मिलेगा। अधिकारियों को जीएसटी चोरी का पता लगाने के उपाय सिखाए जाएंगे। नवंबर से आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे। पहले भी विभाग ने राष्ट्रीय कस्टम अकादमी के साथ एमओयू किया था।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। हरियाणा में आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी कर चोरी रोकने में अब और दक्ष होंगे। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी लखनऊ के साथ अपने अधिकारियों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए समझौता किया है।
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चंडीगढ़ में शुक्रवार को समझौता ज्ञापन पर आबकारी एवं कर आयुक्त विनय प्रताप सिंह और राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी लखनऊ के अतिरिक्त प्रधान महानिदेशक नील जैन ने हस्ताक्षर किए। आबकारी एवं कराधान विभाग की प्रशासनिक सचिव अशिमा बराड़ ने बताया कि यह समझौता मुख्य रूप से आबकारी एवं कराधान अधिकारी और उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त के प्रशिक्षण के लिए है।
इन अधिकारियों को मुख्य रूप से लाभ-हानि विवरण और बैलेंस शीट के विश्लेषण के माध्यम से जीएसटी चोरी का पता लगाने के उपाय और आयकर कानून से क्रास-लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कैंपस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नवंबर से शुरू होंगे।
इससे पहले विभाग ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय कस्टम और अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी के साथ भी एक एमओयू किया था, ताकि कर अधिकारियों के लिए इंडक्शन, मध्य करियर प्रशिक्षण और रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किए जा सकें।
इसके तहत नए भर्ती किए गए चार बैचों के टैक्सेशन इंस्पेक्टर्स को फरीदाबाद में चार सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जीएसटी कानून का अध्ययन, पंजीकरण प्रक्रिया, शो काज नोटिस तैयार करना और जांच संचालन जैसी जीएसटी की अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण शामिल है।
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