चंडीगढ़ में अब नियम कड़े... फायर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
चंडीगढ़ नगर निगम ने भवन मालिकों और किरायेदारों के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के बाद आठ महीने में फायर उपकरण लगवाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर शुल्क जब्त होगा और कार्रवाई भी की जाएगी। निगम ने यह भी कहा है कि औपचारिकताएं पूरी करने वाले अधिकारीयों को सूचित करें। 15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए एफएससी अनिवार्य है।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (एफएससी) के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद इससे जुड़ी जरूरी औपचारिकता पूरी करने के लिए आठ माह का समय दिया गया है। इस समय अवधि में भी इन्हें पूरी नहीं करने वाले भवन मालिकों और किरायेदारों का अवधि पूरी होते ही उनका जमा फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट चार्ज जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही इसके बाद उन पर फायर सेफ्टी नियमों के तहत उचित कार्रवाई भी होगी।
नगर निगम ने जनसूचना जारी कर सभी भवन मालिकों और किरायेदारों को इसकी जानकारी दी है। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि जिन्होंने आनलाइन आवेदन करने के बाद औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं वह अपने संबंधित फायर सेफ्टी अधिकारी को इसकी सूचना भी दें। सूचना नहीं देने पर भी इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। निगम के ज्वाॅइंट कमिश्नर कम असिस्टेंट चीफ फायर आफिसर ने यह जानकारी दी है।
पहली बार समयसीमा हुई निर्धारित
नगर निगम ने पहली बार फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है। यह सर्टिफिकेट तभी मिलेगा जब इसकी सभी औपचारिका आठ महीने में पूरी कर ली जाएंगी। इससे पहले ऐसी कोई समय सीमा नहीं थी। जिस वजह से बहुत से भवन मालिक या किरायेदार फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए आनलाइन फीस जमा कराने के बाद आवेदन तो कर देते थे लेकिन इसके बाद बिल्डिंग में जरूरी फायर सेफ्टी उपकरण इंस्टाल नहीं करवाते थे।
इस वजह से उन्हें स्टेशन फायर आफिसर फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी नहीं करते थे। अब नियमों के तहत यह सभी उपकरण आवेदन के आठ महीने में लगवाने अनिवार्य हैं। समयसीमा पूरी होने के बाद एफएससी चार्ज तो जब्त होंगे ही साथ ही एफएससी नहीं लेने वाले भवनों का औचक निरीक्षण भी होगा।
एक हजार से अधिक भवनों के केस लंबित
जनवरी 2019 से 25 मार्च 2025 तक 1151 फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी होने बाकी हैं। इन बिल्डिंग के मालिकों या किरायेदारों ने आनलाइन फीस जमा कराने के बाद एफएससी के लिए आवेदन तो कर दिया। लेकिन फायर उपकरण लगवाने जैसी औपचारिकताएं पूरी नहीं की।
चीफ फायर आफिसर ने फायर सेफ्टी से जुड़ी मीटिंग में यह बताया था कि संबंधित बिल्डिंग के मालिक या किरायेदार फायर सेफ्टी से जुड़ी कमियों को पूरी नहीं करते हैं। इस वजह से बड़ी संख्या में फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट से जुड़े केस लंबित हैं।
15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए एफएससी अनिवार्य
वर्तमान में चंडीगढ़ में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र (एफएससी) अनिवार्य है। इसके अलावा भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) के तहत अग्नि सुरक्षा नियमों को लागू किया जाता है। एनबीसी में आवासीय भवनों के लिए भी अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र को अनिवार्य किया गया है, जहां 20 से अधिक लोग रहते हैं।
कम उपयोग(लो-आक्यूपेंसी) श्रेणी में, जिन भवनों के लिए एफएससी आवश्यक है, उनमें सभा भवन, संस्थागत भवन, दो से अधिक मंजिल वाले और 1,000 वर्ग मीटर से अधिक के निर्मित क्षेत्र वाले शैक्षणिक भवन, होटल, अस्पताल, नर्सिंग होम, भूमिगत परिसर, औद्योगिक भंडारण, मीटिंग/बैंक्वेट हाल और खतरनाक अधिभोग वाली इमारतें शामिल हैं। हालांकि अब निगम ने पिछले दिनों हरियाणा फायर सेफ्टी एक्ट अपनाने का प्रस्ताव पास किया था। इसको अपनाने की प्रक्रिया चल रही है। उसे अपनाने के बाद नियम में कुछ बदलाव भी होगा।
एफएससी के लिए यह जरूरी
एफएससी प्राप्त करने के लिए एनबीसी में सभी मंजिलों पर अग्निशामक यंत्र, स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम, बिना अवरोध वाले आपातकालीन मार्ग, प्राकृतिक वेंटिलेशन-प्रकाश व्यवस्था और आगरोधी सामग्री से बने फर्नीचर को अनिवार्य किया गया है।
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