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    अब प्रतिमाह बैंक खाते में आएंगे 57 हजार, चंडीगढ़ में पढ़ा रहे संविदा प्राध्यापकों के लिए खुशखबरी

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 12:40 PM (IST)

    चंडीगढ़ में संविदा प्राध्यापकों को 1 सितंबर 2025 से महंगाई भत्ते के साथ 57700 रुपये मासिक वेतन मिलेगा जो नियमित प्राध्यापकों के बराबर है। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक का बकाया वेतन 25 सितंबर 2025 तक दे दिया जाएगा। पुराने एरियर के भुगतान पर स्पष्ट समयसीमा न होने पर अदालत ने प्रशासन से जवाब मांगा है।

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    संविदा प्राध्यापकों को बकाया वेतन भी 25 सितंबर तक मिल जाएगा।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में संविदा प्राध्यापकों (कॉन्ट्रेक्ट पर पढ़ा रहे प्रोफेसर) को 1 सितंबर 2025 से महंगाई भत्ते के साथ 57,700 प्रति माह वेतन मिलेगा, जो नियमित प्राध्यापकों के समकक्ष है। 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक के बकाया वेतन का भुगतान भी 25 सितंबर 2025 तक कर दिया जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को एक मामले की सुनवाई के दौरान आश्वस्त किया कि संविदा प्राध्यापकों से जुड़े सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

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    प्रशासन ने बताया कि 11 अगस्त 2025 के आदेशों के अनुपालन स्पष्ट किया गया कि संविदा प्राध्यापकों को नियमित नियुक्ति होने तक अन्य संविदा कर्मचारियों से प्रतिस्थापित नहीं किया जा रहा। सभी का संयुक्त वरिष्ठता सूची बनाई गई है और “पहले आया, बाद में जाएगा” के सिद्धांत का पालन किया जा रहा है। आठ माह बाद संविदा समाप्त नहीं की जा रही और अवकाश अवधि का वेतन भी दिया जा रहा है।

    प्रशासन ने आदेश जारी कर सभी संस्थानों को निर्देशित किया कि लंबित वेतन तुरंत जारी किया जाए और संशोधित वेतन तथा एक वर्ष का एरियर समय पर भुगतान हो। यदि किसी फंड हेड में कमी है तो से अस्थायी भुगतान करने की अनुमति भी दी गई है।

    जहां तक 1 जनवरी 2016 से 31 अगस्त 2024 तक का एरियर है, प्रशासन ने कहा कि इसकी अनुमानित राशि लगभग 30 करोड़ है, जिसमें से 4.61 करोड़ केवल याचिकाकर्ताओं को देय है। यह प्रस्ताव वित्त विभाग और गृह मंत्रालय को भेजा गया है तथा चालू वित्त वर्ष में ही भुगतान करने का आश्वासन दिया गया है।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने आपत्ति जताई कि पुराने एरियर (2016–2024) के भुगतान की कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई। इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए प्रशासन से जवाब तलब किया है।