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नशे पर नेताआें ने खूब काटी सियासी फसल, अब छिड़ेगा महासंग्राम

पंजाब में नेताओं ने नशे के मुद्दे पर खूब सियासी फसल काटी। एक-दूसरे पर खूब कीचड़ उछाले गए। नतीजा जीरो। ऐसे में इसके खिलाफ 1 जुलाई से जनांदाेलन शुरू होगा, लेकिन बिना किसी नेता के।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 07:23 PM (IST)
नशे पर नेताआें ने खूब काटी सियासी फसल, अब छिड़ेगा महासंग्राम
नशे पर नेताआें ने खूब काटी सियासी फसल, अब छिड़ेगा महासंग्राम

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब में नशे पर सियासी दलों ने खूब राजनीति की है, जमकर दावे और एक-दूसरे पर हमले किए हैं। लेकिन, हालात में खास बदलाव नहीं हुए। नशे के शिकंजे में युवा अब भी फंस रहे हैं और जान गंवा रहे हैं। बीते एक दशक से राज्‍य में नशे की सियासत अभी तक खत्म नहीं हुई है। ऐसे में अाम लोगों के बीच से नशे के खिलाफ आवाज उठी है और जनांदाेलन की सुगबुहागट हुई है। यह आंदोलन 1 जुलाई से शुरू हाेगा। खास बात है कि इसका कोई नेता नहीं है अौर इसकी अावाज सोशल मीडिया से उठी है।

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पहली से सात जुलाई तक मनाया जाएगा काला सप्ताह, बैकफुट पर नजर आ रही सरकार

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के 15 माह में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बीते एक माह में 23 मौतों के बाद अब नशे के खिलाफ उठ रही आवाज जनांदोलन का रूप धारण करने जा रही है। राज्‍य में पहली से सात जुलाई तक पंजाब में चिट्टे के खिलाफ काला सप्ताह मनाया जाएगा।

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यह पहला मौका है जब लोगों ने सभी सियासी दलों के नेताओं को पीछे करके खुद आंदोलन की कमान संभाली है। इस जनांदोलन का कोई नेता नहीं है और न ही इसे किसी सियासी दल का समर्थन है। नतीजन तीन दिन में दो बार सरकार को नशे के खिलाफ सफाई देकर बैकफुट पर आना पड़ा है। पिछली अकाली-भाजपा सरकार में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा नशा (चिट्टा) ही बना था। पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल में नशे के मुद्दे ने सरकार का पीछा नहीं छोड़ा था। अब बुद्धिजीवियों ने नशे के खिलाफ जनांदोलन खड़ा करना शुरू कर दिया है।

रंगमंच के कलाकारों ने संभाली जिम्मेदारी

नशे के खिलाफ सोशल मीडिया, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहारे रंगमंच के कलाकारों ने जनांदोलन शुरू कर दिया है। बलतेज सिंह पन्नू, पाली भूपिंदर, मिंटू गुरसरिया और एडवोकेट हाकिम सिंह प्रेस क्लब में कश्मीर कौर को लेकर पहुंचे। रंगमंच से जुड़़े इन कलाकारों ने कश्मीर कौर की आपबीती सुनाई। कोटकपूरा निवासी कश्मीर कौर के बेटे की बीते दिनों नशे के ओवरडोज के चलते मौत हो गई थी।

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सरदारा सिंह जौहल भी उतरे मैदान में

नशे के खिलाफ पंजाबियों को एकजुट करने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर सरदारा सिंह जौहल भी मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में लोगों से अपील की है कि नशे पर राजनीति बंद की जाए। सभी लोग नशे के खिलाफ एकजुट हो जाएं।

डीएसपी के खिलाफ जांच शुरू

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेशों पर नशे के आरोपों में घिरे डीएसपी दलजीत सिंह के निलंबन के बाद महिला को नशेड़ी बनाने के मामले की जांच पीपीए की डायरेक्टर अनीता पुंज ने शुरू कर दी है। डीएसपी को वीरवार को कैप्टन के आदेशों के बाद विभाग ने निलंबित कर दिया था। डीएसपी पर बुधवार को लुधियाना निवासी युवती ने नशेड़ी बनाने का आरोप लगाया था।

डीजीपी के आदेश, नशा तस्करों को जेल व नशेडिय़ों को अस्पताल पहुंचाओ

डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने नशे को लेकर फिल्लौर पुलिस अकादमी में वरिष्ठ पुलिस अफसरों सहित जिला पुलिस प्रमुखों के साथ बैठक करके आदेश दिए हैं कि नशा तस्करों की पहचान करके उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाए। नशा तस्करों व गैंगस्टर्स के खिलाफ फिर से अभियान शुरू करने को कहा है। साथ ही आदेश दिए हैं नशेडिय़ों की पहचान करके उन्हें नशा छुड़ाओ केंद्रों में पहुंचाया जाए।

15 महीनों में अमरिंदर सिंह सरकार की तरफ से किए गए प्रयास

-स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया।

-15 महीनों में नशे  के 16,305 केस दर्ज किए गए।

-18,800 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

-377 किलो हेरोइन बरामद की गई।

-14.336 किलोग्राम स्मैक व 116.603 किलोग्राम चरस बरामद की गई।

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-1040.531 किलो अफ़ीम व 50588 किलो भुक्की बरामद की गई।

-44929 टीके, 48,10,540 गोलियां व कैप्सूल जब्त किए गए।

- मोगा, अमृतसर और तरन तारन जि़लों में ओपीओड अससिटड ट्रीटमेंट मॉडल की शुरुआत की गई है।

- नशा-मुक्त ट्रीटमेंट को लेकर 60 अतिरिक्त ओओएटी केंद्रों को चालू किया गया है।

-ड्रग्स अब्यूज प्रीवेंशन ऑफिसर्स प्रोग्राम के तहत 4.8 लाख वॉलंटियर रजिस्टर्ड किए गए हैं।

-नशा रोकथाम निगरान कमेटियों में 15 हजार मेंबर शामिल किए गए हैं।

-545 अध्यापकों और प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण देकर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान का हिस्सा बनाया गया है।


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