तनाव से निजात के चक्कर से फंस रहे जाल में, हुक्का व ई सिगरेट बढ़ा रहे दिल का मर्ज
तनाव से बचने के चक्कर में युवा बड़ी मुसीबत में फंस रहे हैं। वे सिगरेट के नुकसान से बचने को हुक्का और ई सिगरेट का सहारा ले रहे हैं। इससे वे दिल के मर्ज का शिकार हो रहे हैं।
लुधियाना, [बिंदु उप्पल]। तनाव घटाने व बीमारियों से बचने के चक्कर में युवा आजकल सिगरेट व बीड़ी की जगह हुक्का व ई-सिगरेट का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। उनको विश्वास है कि इनमें तंबाकू नहीं होता है और होता भी है तो उसकी क्वालिटी अच्छी होती है। इसलिए वे किसी प्रकार की बीमारी के शिकार नहीं होंगे। उनकी यही गलतफहमी उनको हृदय रोगों के जाल में फंसा रही है।
हुक्के का धुआं व ई-सिगरेट से निकली भाप फेफड़ों व दिल को पहुंचाती है नुकसान
मेडिवेज अस्पताल के कार्डियक साइंस विभाग के चेयरमैन डॉ. हरिंदर सिंह बेदी के अनुसार हुक्का व ई-सिगरेट युवाओं के लिए साइलेंट किलर हैं। हुक्के में मौजूद तंबाकू भी फेफड़े के लिए काफी नुकसानदायक होता है। ई-सिगरेट में एक पाउडर होता है, जोकि आग के संपर्क में आने पर भाप बन जाता है। उसे युवा मुंह के जरिये शरीर में ले जाते हैं और सुरूर में आ जाते हैं। इसमें धुआं नहीं होता है, इसलिए युवाओं को गलतफहमी रहती है कि वह दिल व फेफड़ों पर बुरा असर नहीं डालता है।
तनाव घटाने के चक्कर में युवा हो रहे बीमारियों के शिकार : डॉ. बेदी
डॉ. बेदी ने बताया कि हुक्के के धुएं या ई-सिगरेट की भाप के संपर्क में आने से दिल की नाडिय़ों में एथ्रोसलोक्लोसिस जैसी भयानक बीमारी जन्म ले लेती है। यह बीमारी बड़ी तेजी से नाडिय़ों को बंद कर देती है। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि उनके मेडिवेज अस्पताल में ऐसे ही तीन युवक भर्ती हुए थे, जिनको दिल व फेफड़ों की भयानक बीमारी थी। ये युवक ऐसी ही गलतफहमी का शिकार होकर हुक्का व ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते थे। तीनों युवक बैंक कर्मचारी हैं। इसमें एक कर्मी (35 वर्ष) दिल्ली का और दो कर्मचारी (30 व 32 वर्ष) लुधियाना के हैं।
तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन खतरनाक
इस संबंध में जिला टीबी प्रोग्राम अफसर व चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ.आशीष चावला ने बताया कि तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन करेंगे, वह नुकसानदायक होता है। इससे कैंसर व श्वसन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। ऐसे में हुक्का अौर ई सिगरेट का इस्तेमाल बेहद नुकसानदेह है।
केस स्टडी-1
विजय कुमार (काल्पनिक नाम) उम्र 32 वर्ष
बकौल विजय, बैंक का काम सुबह से लेकर शाम तक होता है। बैंक की ओर से हमको टारगेट दिए जाते हैं। इससे मेरा खाने-पीने का सिस्टम बिगड़ गया था। तनाव भी बढ़ता गया। तनाव से बचने के लिए मैंने दो वर्ष पहले ई-सिगरेट का सेवन शुरू किया था। एक माह पहले मुझको अचानक हार्ट अटैक हुआ। इस पर तुरंत बाइपास सर्जरी करवानी पड़ी।
केस स्टडी-2
दिल्ली निवासी अभिषेक, उम्र 35 वर्ष
अभिषेक दिल्ली में एक बैंक में कार्यरत हैं। वह बैंक की बैठक में भाग लेने के लिए लुधियाना में फिरोजपुर रोड पर एक फाइव स्टार होटल में आए हुए थे। होटल में बैठक के दौरान उनको दिल का दौरा पड़ा। इनको इमरजेंसी ऑपरेशन कर स्टेंट लगाना पड़ा। अभिषेक ने बताया कि काम संबंधी तनाव कम करने के लिए वह भी ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते थे।
केस स्टडी-3
नाम : रमन, उम्र 30 वर्ष
रमन लुधियाना में प्राइवेट बैंक में कार्यरत हैं। उनको एक बार में दोस्तों के साथ हुक्का पीने का शौक था। उनको भ्रम था कि हुक्का में धुआं पानी से छनकर आता है, इसलिए इससे सेहत पर कोई नुकसान नहीं पड़ेगा। डेढ़ महीने पहले एक दिन दोपहर दो के बजे करीब रमन के सीने में दर्द हुआ। उनको डॉ. बेदी के पास मेडिवेज अस्पताल में लेकर आए। तब जांच में पता चला कि उनको दिल का दौरा पड़ रहा था। इनको आईसीयू में भर्ती किया गया और समय पर दवाओं से अटैक को रोका गया।