Punjab News: साइबर धोखाधड़ी और हाईवे इमरजेंसी की रिपोर्ट के लिए अब डायल करें 112, पंजाब पुलिस का बड़ा कदम
पंजाब पुलिस ने एनएचएआई हेल्पलाइन 1033 और साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 को डायल 112 से जोड़ दिया है। अब नागरिक सड़क हादसे धोखाधड़ी और साइबर क्राइम की रिपोर्ट 112 पर कर सकते हैं। यह पहल नागरिकों को सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म देगी। स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि 112 पर कॉल करने से केस तुरंत दर्ज होगा। राज्यभर में आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन तैनात किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की हेल्पलाइन 1033 और साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 को एकीकृत कर अब डायल 112 से जोड़ दिया गया है।
इस एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत अब नागरिक हाईवे हादसों, सड़क से जुड़ी अन्य समस्याओं, वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराधों की रिपोर्ट केवल 112 डायल करके कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को एक सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है, जिससे आपात स्थितियों में तुरंत सहायता मिल सके।
पहले नागरिकों को सड़क हादसे या साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर याद रखने पड़ते थे, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। अब डायल 112 के जरिए सभी सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी।
स्पेशल डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बताया सिर्फ 112 डायल करके मदद पा सकते हैं। इससे आपका केस तुरंत दर्ज होगा और डुप्लीकेशन व देरी में काफी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि 112 या 1033 पर की गई हाईवे डिस्ट्रेस काल्स अब सीधे पुलिस और एनएचआईए दोनों से जुड़ेंगी ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
इसी तरह, साइबर अपराध के पीड़ित 112 या 1930 डायल कर सकते हैं। इन कॉल्स पर डायल 112 कंट्रोल रूम में तैनात प्रशिक्षित साइबर डिस्पैचर्स पीड़ितों की शिकायतें सीधे राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज करेंगे।
अर्पित शुक्ला ने कहा कि यह एकीकरण डायल 112 को वास्तव में एक समेकित प्लेटफॉर्म में बदल देता है, जो पुलिस, फायर, एम्बुलेंस, आपदा प्रबंधन, हाईवे सुरक्षा और साइबर अपराध जैसी सभी सेवाओं को एक साथ जोड़ता है।
इस प्रणाली को समर्थन देने के लिए राज्यभर में 257 आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन और 144 समर्पित सड़क सुरक्षा बल वाहन तैनात किए गए हैं, जो हाईवे पर तेज और प्रभावी मदद उपलब्ध कराएंगे।
स्पेशल डीजीपी ने बताया कि नए वाहन के लिए 100 करोड़ और डायल 112 हेडक्वार्टर भवन के लिए 53 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है, जिससे देश की सबसे उन्नत और नागरिक-केंद्रित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित की जा रही है।
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