गुरदासपुर उपचुनाव की अधिसूचना जारी, सुखबीर बोले- भाजपा की जीत को बनाएंगे यकीनी
गुरदासपुर उप-चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। वहीं सभी राजनैतिक दल भी पूरी तरह तैयार है। दिग्गज नामांकन से पहले विरोधियों पर जमकर हमले कर रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उप-चुनाव की अधिसूचना शुक्रवार को जारी हो गई। हालांकि, पहले दिन किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया। 16 सितंबर को नेगोशिएबल एक्ट 1881 के अधीन छुट्टी न होने के कारण नामजदगी पत्र दाखिल किए जा सकते हैं।
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव का बिगुल बजाते हुए घोषणा की कि गुरदासपुर में उम्मीदवार भाजपा का होगा और उसकी जीत यकीनी बनाने के लिए शिअद कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इसकी रणनीति बनाने के लिए गठबंधन नेताओं की संयुक्त बैठक 18 सितंबर को चंडीगढ़ में होगी।
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अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की नाकामियों को गुरदासपुर में उठाएगा। पंजाब की कांग्रेस सरकार छह माह में ही फेल हो गई है। मुख्यमंत्री रिहायश के बाहर तथा सिविल सचिवालय में कर्फ्यू जैसा माहौल है। न कोई आता है और न ही कोई जाता है। सरकार की स्थिति ऐसी है कि जैसे किसी अंजान ड्राइवर के हाथ में गाड़ी हो।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को सुविधा देनी तो दूर जो पहले मिल रही थी वह भी बंद कर दी है। अपनी इन्हीं विफलताओं की वजह से ही कांग्रेस सरकार हार के डर से नगर निगम चुनाव करवाने से भाग रही है। उन्होंने जस्टिस मेहताब ङ्क्षसह गिल तथा जस्टिस रंजीत सिंह को कांग्रेसी करार दिया। जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल को कांग्रेस का एजेंट, नकली तथा बड़ा फ्राड कहते उनके बारे में भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की असलियत गुरदासपुर उपचुनाव में पता लग जाएगी।
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डेरा सिरसा पर उन्होंने कहा कि जो श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश होगा, उसे माना जाएगा। पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह के बारे में सुखबीर ने कहा कि उन्होंने वापस आने के लिए कई संदेश भेजे है। मामला शिरोमणि कमेटी का है, इसलिए वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार मनप्रीत इस्तीफा दें
अकाली-भाजपा के समय में पिछले दस साल में मुलाजिमों का वेतन नहीं रोका गया। आज मुलाजिमों को समय से वेतन नहीं मिल रहा। राज्य में आर्थिक संकट जैसी स्थिति के लिए वित्तमंत्री मनप्रीत ङ्क्षसह बादल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
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राणा का रेत, सरना का शराब पर कब्जा
उन्होंने कहा कि आज पंजाब में माफियाराज है। रेत खनन पर मंत्री राणा गुरजीत ङ्क्षसह का कब्जा है। रेत जहां पहले 15 हजार का ट्रक था, वह 50 हजार का हो गया है। शराब पर मुख्यमंत्री के धार्मिक सलाहकार परमजीत ङ्क्षसह सरना का कब्जा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में नशामुक्ति का श्रेय न ले। पीजीआइ की जिस रिपोर्ट में राज्य के एक प्रतिशत से भी कम युवाओं के नशा करने का खुलासा हुआ है, वह सर्वे 2016 में हुआ था। उस समय शिअद-भाजपा की सरकार थी।