पंजाब के सीएम अमरिंदर ने राज्यपाल को दिया जवाब, कहा- अफसरों को नहीं, मुझे करें तलब
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर द्वारा मुख्य सचिव विनी महाजन और राज्य डीजीपी दिनकर गुप्ता को बुलाने पर सवाल उठाए हैं। उन्हाेंने कहा कि राज्यपाल को अफसरों की जगह मुझे बुलाना चाहिए।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर द्वारा कानून- व्यवस्था की स्थिति पर राज्य की मुख्य सचिव विनी महाजन और डीजीपी दिनकर गुप्ता को तलब करने के मामला तूल पकड़ गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को राज्यपाल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल से कहा कि अगर राज्य की अमन व कानून की स्थिति पर उन्हें कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो वह उन्हें बुलाएं क्योंकि उनके पास ही गृह विभाग है। अफसरों को तलब न करें।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि राज्यपाल ने कार्यवाही भाजपा के कहने पर किया है। काबिले गौर है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पिछले कई दिनों से कृषि कानूनों को लेकर राज्य की स्थिति को ध्वस्त बताकर राज्यपाल से मिले थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राज्यपाल को राज्य की स्थिति के बारे में कुछ भी पूछना है तो वह सीधे तौर पर उन्हें बुला सकते हैं क्योंकि वह ही गृह विभाग भी संभाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं द्वारा इस तरह की बयानबाजी को आग में घी डालने वाली बताया। उन्होंने कहा है कि तीन कृषि कानूनों को लागू करके उन्होंने पहले ही राज्य की स्थिति को खराब कर दिया है।
उन्होंने किसानों के शांतमयी धरने से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बयानबाजी को तूल न देने के लिए कहा। कैप्टन ने कहा, भाजपा कुछ मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को अमन और कानून की स्थिति के साथ जोड़ रही है। जिन टावरों का नुकसान हुआ है वह तो रिपेयर किए जा सकते हैं लेकिन बॉर्डर पर बैठे जिन किसानों ने अपनी जान गंवा दी है और अपने हक के लिए वह भाजपा नीत केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं, उनके होने वाले नुकसान को भाजपा कैसे पूरा करेगी।
कैप्टन अमरिंदर ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि एक भी भाजपा नेता ने प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों पर सहानुभूति व्यक्त नहीं की । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि जिन लोगों की जान चली गई है, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि भाजपा नेता कभी उन्हें नक्सलाइट, कभी खालिस्तानी बुलाते हैं। अन्नदाताओं के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना कतई ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषक समाज इन कानूनों के कारण अपने अस्तित्व खोने के लिए आशंकित हैं। उस समय जबकि किसानों का अस्तित्व ही खतरे में है, भाजपा के नेता अपनी संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं। वह इस मामले में राज्यपाल को भी अपने एजेंडे में शामिल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के नेताओं द्वारा पंजाब कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र की हत्या के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि वह पार्टी जिसने देश के एक- एक लोकतांत्रिक संस्थान को तबाह कर दिया है वह इस तरह के आरोप लगा रही है।
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