जिला अदालतों में बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं, फर्जी जमानत बांड की समस्या बनी संगठित अपराध
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा की जिला अदालतों में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं लागू करने पर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश का पालन न होने पर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जिला अदालतों में फर्जी पहचान और फर्जी जमानत बांड की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन सेवाएं लागू नहीं करने पर हाई कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ से जवाब तलब किया है। इस मामले में मोहाली निवासी कंवर पहल सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, फर्जी जमानत बांड की समस्या एक संगठित अपराध का रूप ले चुकी है। फर्जी जमानत बांड का सीधा असर उन लोगों पर पड़ता है जो न्याय की तलाश में होते हैं। यह न केवल अपराधियों को आसानी से जमानत दिलाने में मदद करता है, बल्कि पूरे कानूनी ढांचे को भी कमजोर करता है।
इसे रोकने के लिए हाई कोर्ट ने 10 मई 2024 को जिला अदालतों में चार महीने के अंदर आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन सेवाएं लागू करने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रतिवादियों ने हाई कोर्ट के स्पष्ट और समयबद्ध निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है।
आदेश को जारी हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन जिला अदालतों में इस महत्वपूर्ण प्रणाली को स्थापित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस मामले की पुष्टि के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम का सहारा लिया।
उन्होंने विभिन्न जिला अदालतों में आरटीआई आवेदन दायर किए, जिनसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ। प्राप्त जानकारी से पता चला कि कहीं भी आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन सेवाएं अभी तक स्थापित नहीं की गई हैं। यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि यह सीधे तौर पर हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना है।
याचिका में इसी आधार पर अदालत से प्रतिवादियों के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि जब तक जवाबदेह अधिकारियों को उनके निष्क्रियता के लिए दंडित नहीं किया जाता, तब तक भविष्य में भी ऐसे महत्वपूर्ण आदेशों का पालन नहीं होगा।

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