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    छठी लड़की होने से थे निराश थे माता-पिता... बेटा होने की चाह में बच्ची को झाड़ियों में फेंका, दोनों गिरफ्तार

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 01:02 PM (IST)

    चंडीगढ़ में एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता ने झाड़ियों में छोड़ दिया। दंपती जो बिहार के मूल निवासी हैं को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी पहले से पांच बेटियां हैं और बेटे की चाहत में उन्होंने यह कदम उठाया। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है जिससे स्पष्ट होगा कि बच्ची की मौत कब हुई।

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    माता-पिता ने नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया था

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एक नवजात बच्ची, जो अभी इस दुनिया को देख भी नहीं पाई थी, को उसके माता-पिता ने झाड़ियों में अकेला छोड़ दिया। नौ अगस्त की सुबह जब सफाई कर्मचारी ने मासूम को देखा, तो वह तोलिये में लिपटी हुई थी। बच्ची का चेहरा जानवरों द्वारा बुरी तरह नोच लिया गया था, जो देखने वालों के लिए एक भयावह दृश्य था।

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    पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए, उन्होंने समाज की सोच पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया। बच्ची को छोड़ने वाले उसके अपने माता-पिता ही थे। पुलिस ने आरोपित दंपती को गिरफ्तार कर लिया है, जो मूल रूप से बिहार के निवासी हैं और चंडीगढ़ में एक निर्माणाधीन कोठी में मजदूरी करते हैं।

    बेटे की चाह में की गई दरिंदगी

    गिरफ्तार दंपती की पहचान अरविंद मुखिया और पत्नी रिलूना के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पहले से पांच बेटिया है और यह छठी भी बेटी ही थी बेटे की चाहत पूरी न होने के कारण वे पहले से ही निराश थे।

    समाज पर सवाल

    यह घटना समाज के सामने सवाल खड़ा करती है कि आखिर बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता कब खत्म होगी। बेटे की चाहत में छह बेटियों को जन्म के बावजूद माता-पिता का ऐसा अमानवीय कदम सामाजिक सोच पर सवाल खड़ा करता है।

    अस्पताल के टैग ने खोला राज

    9 अगस्त की सुबह लगभग 11 बजे सफाई कर्मचारी को सेक्टर-8/9 टैक्सी स्टैंड के पास झाड़ियों में बच्ची तोलिए में लिपटी मिली। बच्ची के चेहरे को जानवरों ने बुरी तरह नोच दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों की टीम को बुलवाया, जिन्होंने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। जांच के दौरान बच्ची के पैर में सेक्टर-16 अस्पताल का टैग मिला।

    इसी टैग के आधार पर पुलिस ने सेक्टर-16 अस्पताल पहुंचकर बच्ची के माता-पिता की जानकारी जुटाई। सुराग मिलने के बाद पुलिस ने बिहार का पता और दर्ज किए गए मोबाइल नंबरों से संपर्क साधा और अंतत: आरोपित दंपती तक पहुंच गई।

    माता-पिता का दावा, बच्ची की हालत ठीक नहीं थी

    दंपती ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि बच्ची का जन्म छह अगस्त को सेक्टर-16 अस्पताल में हुआ था और जन्म से ही उसकी हालत गंभीर थी। डॉक्टरों की सलाह पर वे आठ अगस्त को बच्ची को पीजीआइ लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने भी बच्ची के ठीक न होने की बात कही।

    इसके बाद पति-पत्नी ने बच्ची को झाड़ियों में छोड़ने की योजना बनाई। उनका दावा है कि बच्ची की मौत रास्ते में ही हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने उसे सेक्टर- 8/9 टैक्सी स्टैंड के पास कच्चे रास्ते की घास में रखकर वहां से चले गए।

    पुलिस को शक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

    पुलिस दंपती के इस बयान पर यकीन करने को तैयार नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर बच्ची की मौत रास्ते में हो गई थी, तो माता- पिता ने उसे दफनाया या अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया। यह संदेह पैदा करता है कि बच्ची को जिंदा ही झाड़ियों में छोड़ा गया होगा। अब पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

    रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि बच्ची की मौत अस्पताल से लौटते वक्त हुई थी या झाड़ियों में छोड़ने के बाद। यदि यह साबित हुआ कि बच्ची को जिंदा छोड़कर दंपती चला गया था, तो उन पर हत्या का मामला दर्ज किया जा सकता है।