Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:01 PM (IST)
हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन ने फर्जी खेल प्रमाणपत्रों पर सख्ती करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि आधार नंबर और माता-पिता का नाम अनिवार्य होगा। सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद 76 संदिग्ध प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं। संघ के अध्यक्ष कैप्टन मीनू बेनीवाल ने कहा कि मेरिट के आधार पर प्रमाणपत्रों की जांच होगी जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़ा रुकेगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन अब फर्जी खेल प्रमाणपत्र बनवाने वाले खिलाड़ियों से सख्ती से निपटेगी। प्रदेश की सभी खेल एसोसिएशनों और जिला खेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी खिलाड़ी को खेल प्रमाणपत्र जारी करते समय उसकी जन्मतिथि और आधार कार्ड नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करें। खिलाड़ी के माता-पिता का नाम भी प्रमाणपत्र में लिखना होगा।
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सरकारी नौकरियों में फर्जी खेल प्रमाणपत्र को लेकर सरकार के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। इसके बाद तत्कालीन खेल महानिदेशक संजीव वर्मा ने जांच कराई तो पता चला कि 76 खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट संदिग्ध हैं। निदेशालय की ग्रेडेशन वेरिफिकेशन कमेटी ने इन सभी प्रमाणपत्रों को फर्जी मानते हुए रद करने की सिफारिश की है। इन खेल प्रमाणपत्रों के आधार पर खेल कोटे से सरकारी नौकरियां प्राप्त की जाती रही हैं।
जांच में इन प्रमाणपत्रों को नियमों के विरुद्ध पाया गया है। यह सभी सर्टिफिकेट साल 2018 से 2022 के बीच जारी हुए हैं। प्रदेश सरकार ने खेल कोटे के तहत खिलाड़िय़ों को सरकारी नौकरियां प्रदान करने की नीति बना रखी है। विभिन्न प्रकार के खेलों में भागीदारी व मेडल हासिल करने के आधार पर खिलाडिय़ों के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए जाते हैं।
खेल उपनिदेशकों के अलावा खेल विभाग की ओर से 15 जिलों के जिला खेल अधिकारियों को भी इन संदिग्ध प्रमाणपत्रों वाले खिलाड़ियों की सूची भेजी गई है। इनमें भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नारनौल, पलवल, पानीपत, रोहतक व सोनीपत शामिल हैं।
जिन 76 खिलाडिय़ों के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाए गए हैं, उनमें 27 खिलाडिय़ों के पास ‘ग्रेड-सी’ के सर्टिफिकेट हैं और बाकी के पास ‘ग्रेड-डी’ के सर्टिफिकेट हैं। हरियाणा ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष कैप्टन मीनू बेनीवाल ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया है।
उनकी हाल ही में संघ के महासचिव एवं कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार से इस संबंध में वार्ता हुई है, जिसके बाद संघ ने खेल प्रमाण पत्र बनाने में सख्ती बरती गई है। मेरिट के खिलाड़ियों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन के प्रधान महासचिव एवं विकास व पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि मेरिट में आने वाले खिलाडिय़ों के प्रमाणपत्र की सही तरीके से जांच की जाएगी और तभी उनका वितरण किया जाएगा।
इस पहल के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों के रास्ते बंद हो जाएंगे और केवल असली खिलाडिय़ों को ही इसका फायदा मिल सकेगा। संघ के अध्यक्ष कैप्टन मीनू बेनीवाल ने कहा कि खिलाडिय़ों के मेरिट सर्टिफिकेट पर आधार नंबर दर्ज करने से हर तरह के फर्जीवाड़े की आशंकाएं समाप्त हो जाएंगी और इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। जांच प्रक्रिया में बर्बाद होने वाले समय की बचत होगी।
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