नवजोत सिद्धू की प्रशांत किशोर से मुलाकात, बोले- पुरानी शराब और पुराने दोस्त अब भी सर्वश्रेष्ठ
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सिद्धू के अंदाज से पंजाब की सियासत में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धू पंजाब की सियासत में अपनी अलग लकीर खीचेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Navjot Singh Sidhu Meets Prashant Kishor: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सिद्धू ने अपने खास अंदाज में जो कुछ कहा उससे पंजाब की राजनीति में नई चर्चाएं गर्म हो गई हैं कि क्या गुरु अपनी नई सियासी लकीर खींचेंगे। सिद्धू ने पीके से मुलाकात के बारे में कहा, पुरानी शराब, पुरानी सोना और पुराने दोस्त अभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं।
पीके से भेंट के बाद बोले सिद्धू - पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने दोस्त अभी भी सर्वश्रेष्ठ
बताादें कि नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश कांग्रेस की मंजूरी के बिना राज्य में अपनी राजनीतिक लकीर खींचने में जुटे हैं और अलग से सियासी गतिविधियां चला रहे हैं। सिद्धू ने मंगलवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले ही प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के प्रस्ताव पर पार्टी की सदस्यता लेने से इन्कार कर दिया था।
तो क्या पंजाब में सिद्धू की अपनी राजनीतिक लकीर खींचने के पीछे पीके हैं
पीके के साथ मुलाकात के बाद अब यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि सिद्धू की नई राजनीतिक गतिविधियों के पीछे क्या प्रशांत किशोर की भूमिका है। पार्टी द्वारा प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा लेने के बावजूद सिद्धू लगातार फील्ड में सक्रिय नजर आ रहे हैं। वह कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक पूर्व विधायकों के साथ पंजाब में घूम रहे है। वह न सिर्फ धरने दे रहे हैं बल्कि जिन किसानों ने आत्महत्या की उनके घर पर भी जा रहे हैं।
अहम बात यह है कि हमेशा ही आक्रामक रहने वाले सिद्धू की राजनीति में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। सिद्धू आक्रामक अंदाज में अपनी सारी बात भी कह रहे हैं लेकिन किसी भी राजनेता का नाम नहीं लेते हैं। न ही सिद्धू कांग्रेस की लाइन से अलग चल रहे हैं। सिद्धू पार्टी लाइन में रहकर ही न सिर्फ मुद्दे उठा रहे है बल्कि पार्टी के विरुद्ध कुछ बोल भी नहीं रहे।
वहीं, चर्चा यह शुरू हो गई है कि क्या सिद्धू की इस रणनीति के पीछे प्रशांत किशोर की भूमिका तो नहीं है। माना जाता है कि 2017 में सिद्धू को कांग्रेस पार्टी में लाने में प्रशांत किशोर की अहम भूमिका रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार रहते हुए पीके हमेशा ही इस जुगत में रहते थे कि कैप्टन और सिद्धू के बीच की दूरियां कम हो जाए। बताया जाता है कि नवजोत सिद्धू हमेशा से ही पीके के गुड बुक में रहे हैं।
पीके और कांग्रेस हाईकमान के बीच 2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर जिस प्रकार से रणनीति तैयार हो रही है, उसे देखते हुए इस बात को बल मिलता है कि अगर पीके किसी अहम भूमिका में आते है तो कांग्रेस में सिद्धू का कद पुन: मजबूत हो सकता है।