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    मोहाली के नामी बिल्डर पर करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप, पीड़ित परिवार बोला- इंसाफ न मिला तो करेंगे आत्महत्या

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Wed, 25 Aug 2021 04:42 PM (IST)

    पीड़ित परिवार ने आज की प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस से इंसाफ की मांग की है वहीं चेतावनी दी है कि अगर 15 सितंबर तक उनको इंसाफ न मिला तो वह भी अपने पिता कर्म सिंह के जैसे खुदकुशी कर लेंगे।

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    पीड़ित परिवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुसाइड की धमकी दी है।

    जागरण संवाददाता, मोहाली। बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड सन्नी एनक्लेव के मैनेजिंग डायरेक्टर जरनैल सिंह बाजवा द्वारा गांव अभयपुर के रहने वाले कर्म सिंह के साथ करोडों रुपये की ठगी करने के मामले में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित ने 10 फरवरी 2016 को अदालत में सल्फास खाकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में पीड़ित परिवार को 6 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला है। इस मामले में मृतक के परिवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर दोबारा बाजवा के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है।

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    पीड़ित परिवार का कहना है कि बाजवा ने उनके साथ तीन बार कोर्ट में हलफिया बयान दर्ज करवा फैसला किया, पर हर एक बार अदालत के निर्देशों के उल्लंघन करते हुए वह अपने बयानों से मुकर गया। पीड़ित परिवार ने आज की प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस से इंसाफ की मांग की है, वहीं, चेतावनी दी है कि अगर 15 सितंबर तक उनको इंसाफ न मिला तो वह भी अपने पिता कर्म सिंह के जैसे खुदकुशी कर लेंगे।

    पीड़ित अरविंदर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि नामी बिल्डर होने के कारण न तो पुलिस बाजवा को गिरफ्तार कर रही है और दूसरी तरफ अदालत भी बाजवा के खिलाफ कोई सख्त ऑर्डर जारी नहीं कर रही है। पीड़ित ने कहा कि जिन बैंकों से लोन उठाकर उसने मशीनरी खरीदी थी वह लोन न चुका पाने की वजह से बैंक ने जब्त कर ली है। अब वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है जिसका जिम्मेदार जरनैल बाजवा है।

    अरविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि उन्होंने बाजवा से साढ़े चार करोड़ रुपये लेने हैं। बाजवा के खिलाफ जब भी कोई कार्रवाई होने लगती है वह समझौते की बात कहकर खुद को जेल जाने से बचा लेता है और बाद में अपनी बातों से मुकर जाता है। इस मामले में इंसाफ पाने के लिए वह अब तक 50 से 55 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं।  पर किसी तरह बाजवा के खिलाफ कोई  कार्रवाई होती हुई। वहीं, उसे केस वापस लेने के लिए धमकियां मिल रही हैं।

    अरविंदर के पिता कर्म सिंह ने 10 फरवरी 2016 को मानयोग जज हरसिमरत सिंह की अदालत में सल्फास खाकर खुदकुशी कर ली थी। क्योंकि जरनैल बाजवा ने अपने फ्लैट बनाने के लिए कर्म सिंह की मशीनरी का इस्तेमाल किया था जिसका बिल करोड़ों रुपये था और बाजवा उसकी अदायगी नहीं कर रहा था। इससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। बाद में बाजवा के खिलाफ 10 फरवरी को एफआइआर दर्ज की गई था। इस याचिका की इंक्वायरी एसपी फतेहगढ़ साहिब द्वारा की गई थी। जिसमें उन्होंने जरनैल बाजवा को गिरफ्तार करके चालान पेश करने की सिफारिश की थी, लेकिन गिरफ्तारी के डर से जनरल बाजवा ने पीड़ित परिवार के साथ इकरारनामा कर लिया। 28 अगस्त 2020 को एक करोड 5 लाख रुपये के 7 चेक भी दिए थे। जरनैल बाजवा के दिए चेक बाउंस हो गए और प्रॉपर्टी उसने हरीश वर्मा और उसकी पत्नी रेखा वर्मा के नाम यह कहकर करवा दी कि बाद में हरीश वर्मा सारी प्रॉपर्टी उसके नाम करवा देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ हरीश ने वह प्रॉपर्टी आगे किसी और को बेच दी। जिनके खिलाफ उसने एफआइआर दर्ज करवाई। अरविंदर ने एसएसपी मोहाली को दोबारा शिकायत देकर इंसाफ की मांग की है और खरड़ कोर्ट में केस को रिओपन करने की पिटीशन दायर कर दी है। इस सबंधी जब जरनैल बाजवा से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद था।

    वहीं, हरीश वर्मा ने कहा कि अरविंदर झूठा इंसान है वह अपने पिता की मौत की दलाली कर रहा है। मैंने अरविंदर से साढ़े 8 लाख रुपये लेने पर 3 चेक उसने दिए थे जो बाउंस हो चुके हैं। अपने साढ़े 8 लाख माफ करवाने के लिए डीएसपी को पैसे देकर  मुझपर झूठा केस दवाब बनाने के लिए डाला है। बाजवा से मैंने डायरेक्ट प्लाट खरीदे हैं। हालांकि बाजवा ने मेरे खिलाफ़ गवाही दी है पर मैं जानता हूं कि अरविंदर बाजवा से ढाई तीन करोड़ रुपये ले चुका है।