किसानों का धरना हटा, मोहाली-कुराली-बद्दी ग्रीनफील्ड बाईपास 15 से खुलेगा, कई राज्यों को फायदा, एयरपोर्ट रोड पर जाम से मिलेगी मुक्ति
मोहाली-कुराली-बद्दी ग्रीनफील्ड बाईपास 15 दिसंबर से खुलने जा रहा है, क्योंकि किसानों ने एनएचएआई से लिखित आश्वासन मिलने के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया ...और पढ़ें

मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों और एनएचएआई के अधिकारियों के बीच बनी सहमति।
जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली-कुराली-बद्दी ग्रीनफील्ड बाईपास पर चल रहा किसानों का धरना समाप्त हो गया है। 15 दिसंबर से इसे आम जनता के लिए पूरी तरह खोला जाएगा। इससे कई राज्यों के वाहन चालकों को फायदा होगा। एयरपोर्ट रोड पर रोजाना लगने वाले जाम से भी हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
29 और 30 नवंबर को इस सड़क का ट्रायल रन होना था, लेकिन किसानों के धरने के कारण ट्रायल रन नहीं हो पाया था। पिछले कई दिनों से बजहेड़ी गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर इस हाईवे के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे। एनएचएआई के अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा संयुक्त साइट विजिट के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई।
दोनों पक्षों ने मौके पर ही सहमति जताई कि ऐसा एक्सेस पाइंट संभव नहीं है क्योंकि यह ग्रीनफील्ड हाईवे है, इससे सुरक्षा समझौता होगा और टोल संचालन के दौरान ट्रैफिक फिसलन का खतरा होगा।
हालांकि, लिखित रूप से सूचित समाधान में एनएचएआई ने किसानों की सर्विस रोड कनेक्शन लिंक को स्थानीय पहुंच सुनिश्चित करने की मांग को मान लिया गया है। इस प्रस्ताव को कंपनी के सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन के लिए रखा जाएगा और काम 8-12 सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है।
31 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क
भारतमाला परियोजना के तहत 1400 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह 31 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क चंडीगढ़-मोहाली की सबसे बड़ी ट्रैफिक समस्या का स्थायी हल बनेगी। यह सड़क मोहाली के आईटी सिटी चौक से शुरू होकर खरड़ बाईपास, मुंडी खरड़, लांडरां रोड, कुराली और झुल्के नंगल होते हुए सिसवां-बद्दी हाईवे से जुड़ेगी।
इसके खुलते ही एयरपोर्ट रोड पर रोजाना के जाम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। न्यू चंडीगढ़, एरोसिटी, आईटी सिटी और सेक्टर 81 से 110 तक के हजारों परिवार 15 मिनट में एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।
अब सिर्फ दस दिन बाकी
इस कारिडोर से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा। बद्दी, डेराबस्सी, लालडू, राजपुरा के इंडस्ट्रियल हब को तेज माल ढुलाई का फायदा होगा। इससे लाजिस्टिक्स चेन मजबूत होगी और यात्रा का समय आधा रह जाएगा। लंबे इंतजार के बाद अब सिर्फ दस दिन बाकी हैं। मोहाली-चंडीगढ़ वासियों के लिए यह नया साल का सबसे बड़ा तोहफा साबित होने वाला है।

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