Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोहाली में अस्पताल स्टाफ ने "बेबी बॉय" की बधाई दी, बाद में कहा बेटी हुई, अब डीएनए टेस्ट से खुलेगा राज

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 12:20 PM (IST)

    मोहाली के एक अस्पताल में बच्चे के जन्म के बाद लिंग को लेकर विवाद हो गया। अस्पताल ने पहले लड़के का जन्म बताया फिर लड़की का। परिवार ने धोखा होने का आरोप लगाया है। डीएनए टेस्ट से सच सामने आएगा। परिवार ने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया है जिससे वह मां के दूध से वंचित है।

    Hero Image
    बेटी हुई या बेटा, यह पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट होगा, जिसके लिए पुलिस की मौजूदगी में सैंपल लिए।

    जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली के एक निजी अस्पताल में महिला की डिलीवरी के बाद उसके पति को स्टाफ ने "बेबी बॉय" होने की बधाई दी। बाद में बेटी होने की सूचना दी तो हंगामा खड़ा हो गया। अब डीएनए टेस्ट से राज खुलेगा कि बेटा हुआ या बेटी। शनिवार को सोहाना पुलिस की मौजूदगी में परिवार के डीएनए सैंपल लिए गए और टेस्ट के लिए लैब में भेज दिए गए। परिवार का कहना है कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महिला के पति संदीप सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी की डिलीवरी हुई थी और स्टाफ ने उन्हें "बेबी बॉय" होने की बधाई दी थी। चूंकि उनके पहले से ही दो बेटियां हैं, इसलिए उन्होंने तुरंत रिश्तेदारों को बेटे के जन्म की खबर दे दी थी, लेकिन बाद में अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बेटी होने की जानकारी दी। संदीप ने मामले की गहन जांच की मांग की है।

    इसके बाद, करनाल के गांव गोंदर से आए परिवार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी मुलाकात की, जिनके हस्तक्षेप के बाद डीजीपी पंजाब गौरव यादव और एसएसपी एचएस हंस के निर्देशों पर डीएनए टेस्ट कराया गया। परिवार का कहना है कि वे रिपोर्ट सही आने पर ही बच्ची को अपनाएंगे।

    अस्पताल ने बच्चा बदलने के आरोप नकारे

    अस्पताल के सीईओ आदर्श सूरी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह उनके अस्पताल को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई बच्चा नहीं बदला गया और अस्पताल प्रशासन ने खुद परिवार को डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा था। उन्होंने उस समय का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया जिसमें बच्ची को उसके पिता को दिखाया गया था।

    सोहाना थाने के प्रभारी अमन चौहान ने बताया कि दोनों पक्ष डीएनए टेस्ट के लिए राजी हो गए हैं और रिपोर्ट दोनों पक्षों को मंजूर होगी। बच्ची का ऑपरेशन करने वाली डॉ. आकांक्षा डोगरा ने बताया कि बच्ची का जन्म सिजेरियन ऑपरेशन के जरिये हुआ था और उस दिन किसी अन्य बच्चे का जन्म नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची को जन्म के बाद पहले मां और फिर पिता को दिखाया गया था।

    बच्ची को नहीं मिला मां का दूध

    इन सबके बीच, सबसे दुखद पहलू यह है कि जन्म लेने के बावजूद, परिवार द्वारा उसे अपनाने से इनकार करने के कारण बच्ची की देखभाल अस्पताल प्रशासन द्वारा की जा रही है। बच्ची को अभी तक अपनी मां का दूध नसीब नहीं हुआ है, जो हमारे समाज के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।