मोहाली में पुलिस खुफिया मुख्यालय पर किया था हमला, छह आरोपितों के प्रोडक्शन वारंट, 15 नवंबर को होना होगा पेश
मोहाली अदालत ने 2022 के पुलिस खुफिया मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले के छह आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। उन्हें 15 नवंबर, 2025 को पेश करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने जांच अधिकारी को भी तलब किया है। इस हमले में खालिस्तानी संगठनों की भूमिका सामने आई थी।

मोहाली की विशेष अदालत ने जारी किए आदेश।
जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित खुफिया मुख्यालय पर वर्ष 2022 में हुए आतंकी हमले के मामले में मोहाली की विशेष अदालत ने आदेश जारी किए हैं। अदालत ने छह आरोपितों दिव्यांशु, गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदा, निशान सिंह, चढ़त सिंह, विकास कुमार और बलजिंदर सिंह उर्फ रैंबो के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किए हैं। जेल अधिकारियों द्वारा इन आरोपितों को अदालत में पेश नहीं किए जाने के कारण यह कदम उठाया गया। अदालत ने इन आरोपितों को 15 नवंबर 2025 को पेश करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश मोहाली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी किया गया। अदालत ने मामले की सुनवाई को 15 नवंबर 2025 तक स्थगित कर दिया है।
अदालत ने फैसले में यह आदेश दिए
सुनवाई में राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक मौजूद थे। विभिन्न आरोपितों के वकील भी उपस्थित थे। अदालत ने आरोपित अनंतदीप सिंह, बलजीत कौर और लवप्रीत सिंह जमानत पर थे और उनके वकील भी मौजूद रहे। आरोपित निशान सिंह, गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदा, चढ़त सिंह, विकास कुमार और बलजिंदर सिंह उर्फ रैंबो हिरासत में है, लेकिन जेल अधिकारियों ने इन्हें पेश नहीं किया। दिव्यांशु भी हिरासत में था और पेश नहीं हुआ।
आरोपित जगदीप सिंह उर्फ जग्गी, कंवरजीत सिंह और लवप्रीत सिंह की व्यक्तिगत पेशी को अदालत में छूट दी गई। अदालत ने जांच अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए 15 नवंबर 2025 को तलब किया है, ताकि जांच की प्रगति पर जवाब दिया जा सके। अब मामले को 19 अगस्त 2025 के आदेश के अनुसार दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराने के लिए स्थगित किया गया। यह कार्रवाई मामले में हो रही देरी को देखते हुए उठाई गई है, जहां पुलिस की तरफ से आरोपितों को समय पर पेश नहीं किया जा रहा था।
यह है पूरा मामला
यह मामला 9 मई 2022 को मोहाली के सेक्टर-77 में स्थित पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हुए हमले से जुड़ा है। हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह पंजाब में आतंकी गतिविधियों की एक बड़ी घटना थी। जांच में खालिस्तानी आतंकी संगठनों जैसे बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकआइ) और सिख्स फार जस्टिस (एसएफजे) के साथ-साथ गैंगस्टर्स के नेटवर्क की भूमिका सामने आई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 20 सितंबर 2022 को मामले को अपने हाथ में लिया।
पाकिस्तान और कनाडा में छिपे आतंकी
जांच में पाकिस्तान में छिपे हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह और दीपक की अहम भूमिका सामने आई है। यह तीनों अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस इन्हें भगौड़ा घोषित करने की तैयारी में है और इसके लिए मोहाली अदालत में एक आवेदन भी दायर किया गया है। अब इस दिशा में कार्रवाई चल रही है, और उम्मीद है कि अदालत जल्द ही इस पर फैसला लेगी। इसके अलावा, दो साल पहले मामले में लखबीर सिंह उर्फ लांडा की तरनतारन के गांव कीड़ियां में चार कनाल जमीन कुर्क की गई थी।
पुलिस ने लांडा को आतंकी घोषित कर दिया है। एनआइए सूत्रों के मुताबिक, लांडा इस समय कनाडा में रह रहा है, और उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित है। जांच में विदेशी धरती से संचालित आतंकी नेटवर्क की भूमिका भी उजागर हुई है, जिसमें हथियार तस्करी, ड्रग्स स्मगलिंग और टारगेटेड किलिंग्स शामिल हैं।
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