SFJ की साजिश में फंसा युवक, मोगा DC ऑफिस पर खालिस्तानी झंडा फहराने के आरोपित की जमानत पर फैसला आज
मोहाली एनआईए अदालत आज मोगा में 2020 में खालिस्तान का झंडा फहराने के आरोपी आकाशदीप सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। उस पर देशद्रोह, आतंकवाद को बढ ...और पढ़ें

मोगा डीसी आफिस पर खालिस्तान झंडा फहराने के आरोपित की जमानत पर फैसला आज (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के मोगा में 14 अगस्त 2020 को हुई राष्ट्र-विरोधी घटना का मामला आज मोहाली की एनआईए अदालत में नया मोड़ ले सकता है।
केंद्र सरकार की खुफिया जानकारी के आधार पर दर्ज इस केस में आरोपित आकाशदीप सिंह की जमानत याचिका पर आज फैसला सुनाया जाना है।
यह घटना खालिस्तान समर्थक साजिश का प्रतीक बनी, जिसमें दो नौजवानों ने डिप्टी कमिश्नर आफिस काम्प्लेक्स की चार मंजिला इमारत पर चढ़कर खालिस्तान लिखा पीला झंडा फहराया था। वापसी में उन्होंने मुख्य द्वार पर तिरंगे की रस्सी काटकर झंडे को घसीटा और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
जांच एजेंसियों को पता चला था कि यह साजिश प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के विदेशी नेताओं और कैडर के साथ मिलकर रची गई थी। आरोपितों ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर युवाओं में कट्टरता भड़काने की कोशिश की।
इसका मकसद भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, नौजवानों को खालिस्तान झंडा फहराने के लिए उकसाना और धार्मिक समूहों के बीच नफरत फैलाना था। वीडियो ने देशभर में सद्भाव को नुकसान पहुंचाया।
केस की शुरुआत सामान्य धाराओं में हुई, लेकिन केंद्र की रिपोर्ट के बाद यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धाराएं जोड़ी गई। बाद में मामला की जांच एनआईए को दी गई।
आरोपित आकाशदीप सिंह और उसके साथियों पर देशद्रोह, आतंकवाद को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करने का आरोप लगा था। आकाशदीप की गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार है जब जमानत पर सुनवाई हो रही है।
एनआईए के वकील ने अब तक दलील दी है कि आरोपित की रिहाई से साजिश का पर्दाफाश रुक सकता है। बचाव पक्ष ने दावा किया कि आरोपित निर्दोष है और एसएफजे से कोई लिंक नहीं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।

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