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    मंत्री जी की कार से चंडीगढ़-मोहाली की दूरी 360 किलोमीटर

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 16 Dec 2016 08:35 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी ने आरटीआइ के हवाले से बताया कि पंजाब में मंत्री पेट्रोल-डीजल का घोटाला कर रहे हैं। 10 किलोमीटर की दूरी कागजों में सैकड़ों किलोमीटर बताई ...और पढ़ें

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    जेएनएन, चंडीगढ़। पजाब सरकार के कई मंत्रियों ने वाहनों में पेट्रोल व डीजल की खपत के नाम पर सरकार को मोटा चूना लगाया है। इसका खुलासा आम आदमी पार्टी की तरफ से आरटीआइ में मांगी गई जानकारी में हुआ है। आरटीआइ में यह जानकारी दिनेश चड्ढा ने मांगी थी।

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    मामले को लेकर आप के पंजाब कनवीनर गुरप्रीत सिंह वडैच घुग्घी ने कहा है कि वन मंत्री भगत चूनी लाल ने अपनी कार से चंडीगढ़ से मोहाली और मोहाली से चंडीगढ़ का सफर 350 किलोमीटर में तय किया है, जबकि चंडीगढ़ से मोहाली की दूरी 10 किलोमीटर से ज्यादा नहीं है।

    भगत की कार की लॉग बुक में 5 अप्रैल 2015 को चंडीगढ़ से मोहाली व वहां से चंडीगढ़ की यही दूरी दर्ज की गई है। इसी प्रकार सात अप्रैल को जालंधर से कपूरथला का सफर 330 किलोमीटर में तय किया। हकीकत में यह दूरी 42 किलोमीटर की है।

    वडैच ने कहा कि राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया भी इस मामले में पीछे नहीं है। पहली अप्रैल 2015 को मोहाली से जीरकपुर और फिर चंडीगढ़ तक उनकी कार का सफर लॉग बुक के अनुसार 160 किलोमीटर है। वहीं सिंचाई मंत्री शरनजीत सिंह ढिल्लों ने 5 मई 2015 को चंडीगढ़ से मोहाली और मोहाली से चंडीगढ़ का सफर लॉगबुक में 210 किलोमीटर में तय किया।

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    सात मई को उन्होंने लुधियाना से साहनेवाल व साहनेवाल से लुधियाना तक का सफर 210 किलोमीटर की दूरी में तय किया। यह जानकारी संबंधित वाहनों की लाग बुक में दर्ज हैं। वचैड ने आरोप लगाया है कि इसी प्रकार अन्य मंत्रियों ने भी वाहनों के पेट्रोल व डीजल की खपत में घोटाले किए हैं, लेकिन उनकी जानकारी व लाग बुक संबंधित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।

    इस बाबत भगत चूनी लाल के बेटे मोहिंदर भगत कहते हैं कि आम आदमी पार्टी का आधार खतम हो चुका है और पार्टी के पास कोई चुनावी मुद्दे नहीं बचे हैं, इसलिए वे अब अकाली-भाजपा मंत्रियों की छवि खराब करने के लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी मंत्री गाड़ी की लॉग बुक न देखता है और न ही भरता है। यह काम तो लॉग बुक मेंटेंन करने वाले संबंधित स्टाफ का है। वे ही इस बारे में बता सकते हैंं कि उन्होंने यह जानकारी लॉग बुक में क्यों दर्ज की है।

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