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Punjab scholarship scam: जांच मेंं जिसे जारी हुआ नोटिस, उसका तबादला रुकवाने में जुटे मंत्री

Punjab scholarship scam में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में एक कर्मचारी को नोटिस मिला था और उसका तबादला किया गया था। मंत्री साधू सिंह धर्मसोत तबादला रुकवाने की कोशिश कर रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 08:51 AM (IST)
Punjab scholarship scam: जांच मेंं जिसे जारी हुआ नोटिस, उसका तबादला रुकवाने में जुटे मंत्री
Punjab scholarship scam: जांच मेंं जिसे जारी हुआ नोटिस, उसका तबादला रुकवाने में जुटे मंत्री

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab scholarship scam में संदिग्ध भूमिका वाले समाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के सीनियर सहायक का तबादला रुकवाने के लिए कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत जुट गए हैैं। इस सीनियर सहायक का तबादला फाजिल्का किया गया है, जिसे रुकवाने के लिए मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने अधिकारियों को पत्र लिखा है।

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मंत्री के पत्र पर अधिकारियों का जवाब, समय सीमा खत्म, नहीं रोक सकते सीनियर सहायक का तबादला

पत्र के जवाब में विभाग ने कहा है कि कार्मिक विभाग की तरफ से तबादले करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त तक रखी गई थी, जबकि मंत्री ने 4 सितंबर को पत्र लिखा है। नियम के अनुसार अगर तबादले रोकने हैं तो नए सिरे से सिफारिश करनी होगी। जोकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक जाएगी। क्योंकि तय समय के बाद अगर तबादले करने या रोकने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है।

पहले डिप्टी डायरेक्टर परङ्क्षमदर गिल का निलंबन भी रद्द करवाया था मंत्री धर्मसोत ने

मंत्री ने विभाग के जिस सीनियर सहायक राकेश अरोड़ा का तबादला रोकने के लिए पत्र लिखा है उसे घोटाले को लेकर विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अरोड़ा मोहाली में अंबेडकर संस्था में अपनी सेवाएं दे रहे थे। वहां पर दर्जा चार मुलाजिम ने उनके खिलाफ शिकायत दी थी जिसके बाद विभाग ने अरोड़ा का तबादला फाजिल्का कर दिया।

विभागीय सूत्रों के अनुसार जब 2019 में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में विभाग के डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर सिंह गिल को निलंबित करने के निर्देश दिए गए थे तब भी अरोड़ा का नाम सामने आया था। उस दौरान दूसरे विभाग में डेपुटेशन के कारण उन्हें निलंबित नहीं किया गया। जबकि गिल की बहाली खुद कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने करवाई थी।

अब मंत्री धर्मसोत द्वारा अरोड़ा का तबादला रोकने के लिए लिखे गए पत्र के बाद यह मामला फिर से चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि, जिस समय यह घोटाला हुआ तब अरोड़ा पोस्ट मैट्रिक का काम देख रहे थे। इसी कारण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया हुआ है।

उल्लेखनीय है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में 63.91 करोड़ रुपये के घोटाले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता के साथ उजागर किया था। विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज द्वारा चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को रिपोर्ट दी थी। जिसमें मंत्री साधू ङ्क्षसह धर्मसोत और तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर परङ्क्षमदर ङ्क्षसह गिल समेत कई सहायकों के नाम अनियमितताओं में शामिल होने की बात कही गई है।

मेरे ध्यान में नहीं ऐसी कोई सिफारिश: धर्मसोत  

मंत्री साधू सिंह धर्मसोत का कहना है तबादला रोकने की कोई सिफारिश मेरे ध्यान में नहीं है। अगर मैैंने की भी होगी तो किसी विधायक की सिफारिश आई होगी। विधायक की सिफारिश आने के बाद पत्र लिखा जाता है। अब विभाग को देखना है कि किसका तबादला करना है और किसका नहीं। उन्होंने इस बात से भी खुद को अनभिज्ञ बताया कि राकेश अरोड़ा का नाम पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले में आया है और उसे कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है।

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