धार्मिक कार्यक्रम में मिला, खुद को पीजीआई का डॉक्टर बताया और फ्लैट्स दिलाने के नाम पर ठग लिए 62.92 लाख
चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने मुनीष कुमार को गिरफ्तार किया जिसने खुद को पीजीआइ का डाक्टर बताकर एक परिवार से 62.92 लाख रुपये की ठगी की। उसने धार्मिक आयोजन में दोस्ती कर एनजीओ के नाम पर फ्लैट दिलाने का झांसा दिया। आरोपी ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और किस्तों में पैसे लिए। जब फ्लैट नहीं मिला तो शिकायत दर्ज कराई गई जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।

जागरण संवाददाताा, चंडीगढ़। क्राइम ब्रांच ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। खुद को पीजीआई डाॅक्टर बताकर 62,92,500 रुपये ठगने वाले सेक्टर-50 की टेलेहास सोसाइटी में रहने वाले मुनीष कुमार को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ हरियाणा के टोहाना कस्बे के रहने वाले विनय ने शिकायत दी थी। विनय की मुनीष से मुलाकात एक धार्मिक आयोजन में हुई थी। मुनीष ने विश्वास जीता और एनजीओ के नाम पर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट दिलाने का झांसा देकर विनय के साथ ठगी की।
विनय ने पुलिस को शिकायत दी थी कि इसी वर्ष एक धार्मिक कार्यक्रम में उसकी मुनीष से मुलाकात हुई। मुनीष ने खुद को पीजीआई का डाॅक्टर बताया और कहा कि वह समाजसेवा से जुड़ा है। इसके बाद दोनों के बीच लगातार बातचीत होने लगी। बार-बार अपने आपको डाॅक्टर बताते हुए मुनीष ने विनय का विश्वास जीता।
थोड़े समय बाद मुनीष ने बताया कि उसकी एनजीओ शिव धाम निष्काम सेवा ट्रस्ट और शहीद भगत सिंह एनजीओ के पास चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर-63 में कुछ फ्लैट, मिल्क बूथ और एससीओ (शाॅप-कम-ऑफिस) उपलब्ध हैं, जो समाजसेवा से जुड़े लोगों को आवंटित किए जा सकते हैं।
मुनीष ने विनय को बताया कि वह एक एनजीओ की ओर से तीन फ्लैट दिलवा सकता है। एक विनय के लिए और दो उसकी बहनों के नाम पर, इस बहाने उसने तीनों फ्लैट्स के नंबर भी दिए और कहा कि केवल रजिस्ट्री और कुछ औपचारिक खर्च देने होंगे। मुनीष ने न केवल फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए, बल्कि विनय से उसकी मां बृजबाला के दस्तखत भी कुछ सब-डीड और एग्रीमेंट पेपर्स पर करवाए। वह शिकायतकर्ता को बार-बार कहता रहा कि सभी दस्तावेज डीसी ऑफिस और एस्टेट ऑफिस में पूरे कर दिए गए हैं।
विनय को भरोसा दिलाने के लिए मुनीष ने सब रजिस्ट्रार, चंडीगढ़ प्रशासन की फर्जी मुहर लगे कागज भी दिखाए। उसने यह भी कहा कि वह सभी सरकारी अधिकारियों, तहसीलदार और कर्मचारियों को जानता है और सारा काम इनसाइड कनेक्शन से करवा रहा है। विनय के अनुसार मुनीष ने तीनों फ्लैट्स के नाम पर कई किस्तों में कुल 62,92,500 रुपये लिए।
रकम नकद और बैंक ट्रांजेक्शन दोनों माध्यमों से दी गई। जब काफी समय बीत जाने के बाद भी फ्लैट का कब्ज़ा नहीं मिला तो विनय को शक हुआ। जांच में सामने आया कि मुनीष ने जो सारे दस्तावेज दिए थे, वे पूरी तरह फर्जी थे और किसी भी विभाग में ऐसी कोई आवंटन प्रक्रिया चल ही नहीं रही थी।
ठगी का एहसास होने पर विनय ने एसएसपी पब्लिक विंडो, सेक्टर-9 में शिकायत दर्ज करवाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। क्राइम ब्रांच ने तकनीकी और दस्तावेज़ी साक्ष्यों के आधार पर मुनीष को गिरफ्तार किया।
मुनीष को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है कि क्या इस धोखाधड़ी में और लोग भी शामिल हैं या उसने अन्य लोगों के साथ भी इसी तरह की वारदातें की हैं।
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