फिजिकल नहीं, मेंटल फिटनेस भी है जरूरी
इन दिनों जिम का क्रेज है। लोग फिजिकल फिटनेस के लिए अवेयर हुए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इन दिनों जिम का क्रेज है। लोग फिजिकल फिटनेस के लिए अवेयर हुए हैं। मगर मेंटल फिटनेस पर ध्यान आज भी नहीं है। लोग स्ट्रेस में आसानी से चले जाते हैं। वो इसका कोई हल नहीं निकालते। कुछ दिन इससे जूझते हैं और उनके विचार फिर वही हो जाते हैं जिससे कि अच्छी खासी सेहत होते हुए भी वो मानसिक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे में अब वक्त केवल फिजिकल फिटनेस का नहीं बल्कि मेंटल फिटनेस को दुरुस्त करने का भी है। ऐसे में हम दोनों ने अपना ज्वाइंट प्रोग्राम शुरू किया। जिसमें शिवोहम फिजिकल फिटनेस की ट्रेनिग देते हैं और मैं मेंटल फिटनेस की। सेलिब्रिटी ट्रेनर शिवोहम और वृंदा मेहता शनिवार को शहर में थी, तो उन्होंने मेंटल फिटनेस पर चर्चा की। शिवोहम इन दिनों आमिर खान को ट्रेन कर रहे हैं। ऊर्जा और विचारों की ताकत को साझा करती हूं
वृंदा ने कहा कि मैं 13 वर्ष की उम्र में काफी वजनी थी। मैंने डाइट शुरू की। इसका असर मेरे शरीर पर पड़ा और मैं बहुत कमजोर हो गई। उसी दौरान मैंने अपने विचारों पर काम करना शुरू किया। मगर फिजिकली बेहतर होने के बावजूद हम कई बीमारी से घिर जाते हैं। ये मैंने तब जाना जब पिता को कैंसर हो गया, वो कोई भी नशा नहीं करते थे। मगर उनके जीवन में बहुत स्ट्रेस था। ऐसे में मैंने मेंटल फिटनेस पर रिसर्च की और इसकी स्पेशलाइजेशन भी हासिल की। मैंने कई सेलिब्रिटी के साथ काम किया। इसमें अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं। स्ट्रांग मेंटेलिटी की वजह से आमिर आसानी से कर लेते हैं अपने शरीर में बदलाव
शिवोहम ने कहा कि उन्होंने कई सेलिब्रिटी के साथ काम किया। रणवीर सिंह को तो वह कॉलेज के दिनों से जानते हैं। बोले कि उनके साथ पहली फिल्म बैंडबाजा बरात में काम किया। इसके अलावा परिणिती चोपड़ा की पहली फिल्म के दौरान उन्हें ट्रेन किया। आमिर खान मेंटली बहुत स्ट्रांग हैं। ऐसे में वह अपने शरीर में कई बदलाव कर पाते हैं। मोटे से पतला होना और फिर किरदार के लिए वजन बढ़ाना, ये वो एक स्ट्रांग एटीट्यूड के कारण कर पाते हैं। सब कुछ हमारे विचारों पर ही निर्भर करता है।

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