गवाह न चश्मदीद, पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से दोषी ढूंढा, MBA की छात्रा की हत्या केस अपने आप में अलग केस
चंडीगढ़ की स्पेशल विमेन एंड चाइल्ड कोर्ट ने एमबीए की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या केस को 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' नहीं माना, लेकिन इसे अपने आप में एक अलग केस माना। इस केस में कोई गवाह या चश्मदीद भी नहीं थी। फिर भी पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से दोषी को ढूंढ निकाला। उसे हत्याकांड के 14 वर्ष बाद गिरफ्तार किया गया।

स्पेशल विमेन एंड चाइल्ड कोर्ट ने एमबीए की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या केस में टिप्पणी।
रवि अटवाल, चंडीगढ़। एमबीए की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या केस में सीरियल किलर को उम्रकैद की सजा सुनाते समय स्पेशल विमेन एंड चाइल्ड कोर्ट ने माना कि यह अपने आप में अलग केस था, जहां पुलिस और वैज्ञानिकों के प्रयासों से दोषी को घटना के 14 साल बाद गिरफ्तार किया जा सका। इस केस में कोई गवाह या चश्मदीद गवाह भी नहीं था। फिर भी पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से दोषी को ढूंढ निकाला।
हालांकि, सरकारी वकील ने दोषी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की, लेकिन जज ने इस केस को 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी का नहीं माना। फैसला सुनाते समय चंडीगढ़ की जज ने कहा कि दोषी किसी भी तरह रहम के काबिल नहीं है। उसने जो किया उसकी उसे ऐसी सजा मिले जिससे समाज का न्याय पर विश्वास बढ़े। अदालत का दायित्व है कि वह समाज में फैली बुराई को रोकने के लिए कदम उठाए, क्योंकि समाज ने न्यायालय पर विश्वास किया है।'
माता-पिता की इकलौती बेटी का हत्यारा बोला-मैं मां का अकेला सहारा
38 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर मोनू कुमार ने वकील के जरिए अदालत से सजा में रहम की मांग की। उसने कहा कि वह अपनी मां का अकेला सहारा है। उसकी देखभाल करने वाला कोई और नहीं है। कहा कि उसे फंसाया गया है। उसका पुलिस के साथ झगड़ा हो गया था, इसलिए उसे जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया गया। उसके वकील सुनील कुमार पांडेय ने भी कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
डीएनए से पकड़ा गया था आरोपित
पुलिस के पास छात्रा के हत्यारे को पकड़ने का एकमात्र जरिया डीएनए सैंपल था। पुलिस ने इन वर्षों में कई संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल लिए ताकि हत्यारे तक पहुंचा जा सके। पुलिस को जब छात्रा का शव मिला था तो उसके कपड़ों और शरीर के अंगों से कुछ डीएनए सैंपल लिए थे जोकि उसके साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले के थे।
इन वर्षों में पुलिस ने करीब 100 संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल लिए थे।पुलिस को जनवरी, 2022 में सेक्टर-54 में एक महिला का शव मिला था। उसकी भी इसी तरीके से दुष्कर्म कर हत्या की गई थी। दोनों हत्याओं का पैटर्न एक जैसा था इसलिए पुलिस ने दोनों शवों से मिले डीएनए का मिलान किया गया तो पता चला कि दोनों का हत्यारा एक ही है।
ऐसे में पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया। इस दौरान पुलिस को मोनू कुमार भी मिल गया। उसने पिछले साल एक और महिला की हत्या की वारदात कबूल कर दी। उसका डीएनए भी बाकी शवों से मिले डीएनए से मैच कर गया था।

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