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    Punjab Cabinet Meeting: पंजाब बजट सत्र 24 जून से, नई आबकारी नीति पर नहीं लग पाई मोहर, मंत्रियों की सब कमेटी गठित

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jun 2022 05:44 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा का बजट सत्र 24 जून से शुरू होगा। भगवंत मान मंत्रिमंडल ने आज विधानसभा का बजट सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है। वहीं मंत्रिमंडल में आज नई आबकारी नीति को मंजूरी नहीं मिल पाई। इसके लिए तीन मंत्रियों की सब कमेटी बना दी गई है।

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    पंजाब के सीएम भगवंत मान की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक आज सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई। मंत्रिमंडल ने विधानसभा का बजट सत्र बुलाने को भी मंजूरी दे दी है। आम आदमी पार्टी की सरकार का पहला बजट 27 जून को पेश होगा। विधानसभा का बजट सेशन 24 जून से बुलाया जाएगा जो 30 जून तक चलेगा। वहीं, आज की कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी नहीं मिल पाई। इसके लिए तीन मंत्रियों की सब कमेटी बनाई गई है।

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    पंजाब की नई आबकारी नीति पर आज कैबिनेट की मुहर नहीं लग सकी है। बताया जा रहा है कि नई नीति में कई बड़े बदलाव किए जाने के कारण सहमति नहीं बन पाई। इसके कारण मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तीन मंत्रियों के आधारित एक सब कमेटी का गठन कर दिया है। 

    तीन मंत्रियों की सब कमेटी में वित्त व आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा, ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और पर्यटन मंत्री हरजोत सिंह बैंस को रखा गया है। 

    बता दें, मार्च महीने में पिछली आबकारी नीति को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। अब जो नई नीति लाई जा रही है उसमें कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। पंजाब में शराब को सस्ता करके बाहर से आने वाली शराब की तस्करी को रोके जाने की ओर कदम बढ़ाना भी इसमें शामिल है। इसके अलावा अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को भी बढ़ाने पर विचार चल रहा है।

    बजट सत्र में हर दिन दोहरी सिटिंग की तैयारी

    बजट सेशन को छोटा रखने के विपक्ष के आरोपों से बचने के लिए हर रोज दोहरी सिटिंग की जाएगी। अभी प्रोग्राम फाइनल नहीं किया गया है। 24 जून को सत्र बुलाने और सेशन के पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलियां भेंट करने के बाद उसी दिन राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस करवाने के लिए सहमति दे दी है।

    वित्त मंत्री 27 जून को सोमवार वाले दिन साल 2022 -23 का बजट पेश करेंगे और इस के बाद आम बजट पर बहस होगी। प्रवक्ता ने बताया कि सेशन के दौरान साल 2018 -19 और 2019 -20 के लिए भारत के कम्पट्रोलर और आडिटर जनरल की लेखा रिपोर्टों और साल 2019 -20 और साल 2020 -21 के लिए वित्तीय और विनियोजन लेखे सदन में पेश किए जाएंगे।

    मूंगी खरीदने के लिए गैप फडिंग के तौर पर मार्कफैड को 66.56 करोड़ रुपये देने की मंजूरी

    भूजल को बचाने साथ-साथ मिट्टी की सेहत में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए मूंगी की फसल को एमएसपी पर खरीदने के लिए मार्कफैड्ड को 66.65 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करवाई जाएगी। यह राशि दाल के बाजारी मूल्य और एमएसपी के गैप को पूरा करने के लिए दी जाएगी।

    पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 को मंजूरी

    राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए पंजाब मंत्री मंडल ने पंजाब ग्रामीण विकास एक्ट -1987 की धारा -7 में संशोधन करके पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 विधान सभा के आगामी सेशन में लाने की मंजूरी दे दी है। इस बिल के कानूनी रूप लेने से सरकार अब आरडीएफ का पैसा किसानों व मजदूरों का कर्ज माफ करने पर खर्च नहीं कर सकेगी, बल्कि इस पैसे का इस्तेमाल स्टोरेज की सुविधा बढ़ाने और मंडीकरण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

    कैबिनेट ने रेहड़ीस छोटी दुकान वालों पर लगती स्टैंप ड्यूटी से छूट

    कोविड -19 महामारी कारण बुरी तरह प्रभावित रेहड़ी -छोटी दुकान वालों को राहत देते पंजाब कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्व निधि स्कीम के तहत रेहड़ी, छोटी दुकान वालों के 50 हजार (थर्ड ट्रांच लोन) तक के कर्ज  करारनामे पर लगती अष्टाम ड्यूटी से छूट दे दी है। रेहड़ी व छोटी दुकान वालों के कामकाज को कोविड महामारी कारण बड़ी चोट लगी, इसलिए उनका कामकाज दोबारा शुरू करने के लिए विशेष मदद की जरूरत है।

    एक विधायक, एक पेंशन के लिए बिल लाने को मंजूरी

    कैबिनेट ने दी पंजाब स्टेट लेजिसलेचर मेंबर्स (पैंशन और मेडिकल फैसिलटीज रेगूलेशन) एक्ट-1977 की धारा 3(1) में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है, जिससे पंजाब विधान सभा के विधायकों को एक पेंशन (कार्यकालों की संख्या किये बगैर) नई दर अनुसार (60,000 रुपये प्रति महीना महंगाई भत्ता जो पंजाब सरकार के पेंशनर पर लागू होता है) के मुताबिक दी जाएगी।

    इससे पहले पहली टर्म के लिए 15,000 रुपये पेंशन प्रति महीना (समेत महंगाई भत्ता) और हर अतिरिक्त टर्म के लिए 10,000 रुपये पेंशन प्रति महीना (समेत महेगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) था। इस संशोधन के साथ पंजाब सरकार को सालाना लगभग 19.53 करोड़ रुपये की बचत होगी।