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    पंजाब के छात्रों में 'मैं भी कर सकता हूं' की भावना पैदा कर रही मान सरकार, School of Eminence में मिल रहीं अत्याधुनिक सुविधाएं

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 04:18 PM (IST)

    पंजाब में सीएम भगवंत मान की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज कर रही है। मान सरकार की इस क्रांति का मकसद छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और समग्र विकास के अवसर दे कर सरकारी स्कूलों को बदलना है। पंजाब की मान सरकार ने स्कूल ऑफ एमिनेंस पहल के जरिए राज्य के सभी 23 जिलों में स्थित 118 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया है।

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    'स्कूल ऑफ एमिनेंस' की स्थापना का उद्देश्य सरकारी शिक्षा में लोगों का भरोसा बहाल करना है।

    चंडीगढ़। पंजाब में सीएम भगवंत मान की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज कर रही है। मान सरकार की इस क्रांति का मकसद छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और समग्र विकास के अवसर दे कर सरकारी स्कूलों को बदलना है। पंजाब की मान सरकार ने 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' पहल के जरिए राज्य के सभी 23 जिलों में स्थित 118 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया है। जिसमें 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार की यह परियोजना शैक्षिक बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर केंद्रित है। जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, उन्नत प्रयोगशालाएं और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं और भविष्य के कैरियर की संभावनाओं के लिए तैयार करने के लिए व्यापक सुविधाएं शामिल हैं।

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    करोड़ों के बजट से संचालित हो रही परियोजना

    पंजाब की भगवंत मान सरकार ने करीब 200 करोड़ रुपये के बजट के साथ, सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बेहतर बनाने और विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की गारंटी देने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना के माध्यम से राज्य सरकार की कोशिश है कि छात्रों का बहुमुखी विकास किया जाए जिसके लिए भगवंत मान सरकार पांच चीजों को स्तंभ बनाकर काम कर रही है।

    1. सामुदायिक भागीदारी

    2. खेल

    3. शिक्षा

    4. मानव संसाधन प्रबंधन

    5. अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा

    छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा रही सरकार

    पंजाब सरकार की 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' परियोजना को लेकर सीएम भगवंत सिंह मान का कहना है कि इस परियोजना का संचालन स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। सरकार की यह स्कीम विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार कर, पंजाब को शिक्षा जगत में आदर्श के रूप में स्थापित करेगी। यह स्कीम विद्यार्थियों में 'मैं भी कर सकता हूं', की भावना पैदा कर रही है। अपने एक बयान ने सीएम मान ने बताया था कि उनके पिता भी शिक्षक थे और वो भी सरकारी स्कूल में ही पढ़े हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी क्रिएटिव होते हैं। बस जरूरत होती है उनकी प्रतिभा को पहचानने की, उनके मन की हिचक को दूर करने की।

    लाखों बच्चे ले रहे दाखिला

    पंजाब में 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' की स्थापना का उद्देश्य सरकारी शिक्षा में लोगों का भरोसा बहाल करना है, साथ ही शिक्षा क्षेत्र का समुचित विकास करना है। आधुनिक सुविधाओं और शैक्षणिक उत्कृष्टता के मामले में स्कूल ऑफ एमिनेंस ने अब निजी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। यही वजह है कि कई छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर ले रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' में करीब दो लाख से अधिक बच्चों ने दाखिला लिया है, जबकि 10,000 से अधिक छात्र निजी संस्थानों से सरकारी संस्थानों में स्थानांतरित हुए हैं।

    स्कूल ऑफ एमिनेंस में मिल रहीं सभी सुविधाएं

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है स्कूल ऑफ एमिनेंस ने बच्चों को बेहतरीन सुविधाएं और शिक्षा प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाया है। पहले यह सुविधाएं केवल प्राइवेट स्कूलों में मिलती थीं, लेकिन मुख्यमंत्री का दावा है कि स्कूल ऑफ एमिनेंस अब ये सुविधाएं दे रहा है। स्कूल ऑफ एमिनेंस में खेल के मैदान, स्विमिंग पूल और अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं। राज्य का पहला सरकारी स्कूल, स्कूल ऑफ एमिनेंस का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लुधियाना के इंदिरापुरी में स्थित है और इसमें स्मार्ट क्लासरूम और स्विमिंग पूल की सुविधा है।

    भविष्य के लिए छात्रों को तैयार कर रही सरकार

    पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा संचालित स्कूल ऑफ एमिनेंस में छात्रों के कौशल को निखारा जा रहा है। साथ ही 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं तक के छात्रों को JEE, NEET और सिविल सेवा जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। राज्य सरकार के इन स्कूलों में एक खुली और न्यायसंगत प्रवेश प्रक्रिया से छात्रों को दाखिला दिया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के बच्चे उच्च-स्तरीय शिक्षा का लाभ उठा सकें, प्रत्येक स्कूल में 75 प्रतिशत सीटें सरकारी एजेंसियों, स्थानीय अधिकारियों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए अलग रखी गई हैं। जबकि 25 प्रतिशत सीटें निजी स्कूलों के छात्रों के लिए अलग रखी गई हैं। अब तक स्कूल ऑफ एमिनेंस में दो लाख से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया है। एक सुसंगत और सुलभ प्रवेश प्रक्रिया के कारण प्रत्येक योग्य छात्र को उच्च-स्तरीय शिक्षा प्राप्त हो रही है।