मान सरकार ने बनाया ‘रोशन पंजाब’ का सपना हकीकत, बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर राज्य
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने बिजली क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया है। पावरकॉम का 2,000 करोड़ का कर्ज चुकाया गया है और 600 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से 90% घरों का बिल शून्य हो गया है। 'रोशन पंजाब' परियोजना के तहत राज्य को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य है। सरकार ने एक निजी थर्मल प्लांट भी खरीदा है, जिससे पंजाब ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।

डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सत्ता में आने से पहले जहां पावरकॉम भारी कर्ज में डूबी थी, वहीं अब मान सरकार ने 2,000 करोड़ का कर्ज चुकाकर इस संकट से राज्य को उबारा है। आज पंजाब बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर और स्थिरता की राह पर अग्रसर है।
जुलाई 2022 से शुरू की गई 600 यूनिट मुफ्त बिजली योजना ने राज्य के 90% घरों का बिजली बिल शून्य कर दिया है। इस पहल से आम जनता को न केवल आर्थिक राहत मिली है, बल्कि उद्योगों और किसानों को भी लगातार 24 घंटे बिजली मिल रही है। पंजाब आज देश में चौथे नंबर पर सबसे कम दरों पर बिजली देने वाला राज्य बन चुका है।

ऊर्जा आपूर्ति को मजबूत करने के लिए सरकार ने पछवाड़ा कोल माइंस को फिर से चालू किया, जिससे कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। इतना ही नहीं, पंजाब ने इतिहास रचते हुए पहली बार एक निजी थर्मल प्लांट खरीदा है। गोइंदवाल साहिब स्थित जीवीके कंपनी का प्लांट 1,080 करोड़ में खरीदा गया और इसका नाम श्री गुरु अमरदास जी थर्मल प्लांट रखा गया है। यह कदम ऊर्जा आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक गर्व दोनों का प्रतीक है।
मान सरकार ने बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए 5,000 करोड़ का निवेश किया है। “रोशन पंजाब परियोजना” के तहत राज्य को अगले वर्ष तक 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति देने का लक्ष्य रखा गया है। 13 नगर निगमों में बिजली नेटवर्क को आधुनिक बनाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है नंगी और झूलती तारों को बदला जा रहा है, खुले मीटर बॉक्स सील किए जा रहे हैं और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में पहली बार किसी सरकार ने निजी संपत्ति खरीदी है, जबकि पिछली सरकारें सरकारी संपत्तियां बेचने में लगी थीं। आज “रोशन पंजाब” न केवल एक योजना है, बल्कि एक ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन गया है — जहां बिजली सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सम्मान का प्रतीक है।

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