'मेरा घर मेरे नाम' योजना में बड़ा बदलाव, अपील की समय सीमा 60 से घटकर हुई 30 दिन; लाखों लोगों को राहत
पंजाब कैबिनेट ने 'मेरा घर मेरे नाम' योजना के तहत अपील दायर करने की समय सीमा को 60 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया है। इसके साथ ही औद्योगिक विकास को बढ़ावा ...और पढ़ें

मेरा घर मेरे नाम योजना की अपील पर अब 60 के बजाय 30 दिन में होगा निपटारा (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में शनिवार को चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद कैबिनेट के फैसलों की जाकारी देते हुए वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि कैबिनेट ने मेरा घर मेरे नाम योजना के तहत आपत्तियों और अपील दायर करने के लिए तय सीमा को 90 और 60 दिन से कम करके तीस दिन कर दिया है।
इसके लिए पंजाब आबादी देह (अधिकारों का रिकॉर्ड) अधिनियम, 2021 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसी तरह, अधिनियम की धारा 12(4) में संशोधन करके अपीलों के निपटारे की अवधि को 60 दिनों से घटाकर 30 दिन करने का फैसला किया गया।
इस कदम से आपत्तियों और अपीलों को सुलझाने की प्रक्रिया में और तेजी आएगी, जिससे जनता को काफी फायदा होगा। हरपाल चीमा ने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और व्यवसायों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कैबिनेट ने औद्योगिक और व्यापार विकास नीति 2022 में एक ऐतिहासिक संशोधन को भी मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि पंजाब के अंदर ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत युवाओं को आगे लाने के लिए, जहां पहले बैंक गारंटी होती थी, अब कार्पोरेट गारंटी इसमें जोड़ दी गई है।
यानी जो व्यक्ति स्टाम्प ड्यूटी में छूट लेगा उस प्रापर्टी को राजस्व विभाग अपने पास रजिस्टर्ड करेगा। ऐसा तब तक किया जाएगा जब तक सरकार के बनती बकाया राशि चुकता नहीं कर दी जाती।
कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए किसी भी शहरी क्षेत्र की उस जमीन को चंक साइट्स माना जाएगा जिसकी कीमत बीस करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे पहले केवल बड़ी जमीनें ही इसके अधीन आती थीं हालांकि शहरों में छोटी जमीनों की कीमत भी बीस करोड़ से ज्यादा होती थी।
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि नगर कौंसिल क्षेत्रों के अधीन ऐसी जमीनों को बेचने पर खरीददार से किस्तों में पैसा लिया जा सके। शहरी विकास विभाग में ऐसा पहले से ही प्रविधान है लेकिन अब इसे नगर निगमों आदि के साथ भी जोड़ दिया गया है।
इसके लिए कैबिनेट ने पंजाब मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर ऑफ म्युनिसिपल प्रापर्टीज़ रूल्स, 2021 के नियम 3 और 16 (1) में संशोधन को भी मंज़ूरी दी। वित्तमंत्री ने दावा किया कि इससे निवेश, प्रतिस्पर्धी बोली बढ़ेगी और शहरी विकास में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा।
कैबिनेट ने बठिंडा स्थित गुरु नानक देव थर्मल प्लांट की 253 एकड़ भूमि, जो आवास एवं शहरी विकास विभाग को हस्तांतरित की गई थी, की पुनः आवंटन को भी हरी झंडी दे दी।
थर्मल प्लांट की तीस एकड़ जमीन में से बीस एकड़ जमीन को बठिंडा डेवलपमेंट अथारिटी को स्थानांतरित करने का फैसला किया है। बची हुई दस एकड़ जमीन पर बस स्टैंड बनाया जाएगा।
बठिंडा-अबोहर रोड पर स्थित गुरु नानक देव थर्मल प्लांट की इस जमीन पर पिछले लंबे समय से बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव है, जो पुराने बस स्टैंड के इर्द गिर्द के व्यापारियों के विरोध के कारण रुका हुआ था।
यही नहीं, प्लांट की जमीन बेचने का पावरकाम की ओर से विरोध भी किया जा रहा था। वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि चूंकि यह जमीन हाईवे पर स्थित है इसलिए सरकार को इससे अच्छा रेवेन्यू आने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि थर्मल प्लांट की इस जमीन पर दो अन्य कालोनियां काटने का भी विचार है। बस स्टैंड को पीआरटीसी की ओर से तैयार किया जाएगा जिसके लिए जमीन उन्हें स्थानांतरित की जाएगी। इसकी कीमत बठिंडा के डिप्टी कमिश्नर द्वारा तय की जाएगी।

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